I need a vigyapan lekhan for hindi exam ?
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I can give u an example of vigyapan, you can translate it. Be careful that it should be in a box. You can also draw a picture related to the topic. Its an advertisement given by a company......
Max pencil
Likte jao likte jao bina kisi rukavat me kyunki apke pas hein max pencil.
Aaj ke bacho ki vishesh pasand.
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Vidnyapan
आज के इस वैज्ञानिक युग में विज्ञापन का मेहत्त्व काफ़ी बढ़ गया है जिसके फलस्वरूप विज्ञापन अजेंसियों की लोकप्रियता भी काफ़ी बढ़ गयी है. आज उपभोगता को प्रभावित करने के लिए उत्पादन विज्ञापन की झड़ी लगा रहा है.
वैसे तो किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण बिना प्रसारित किए नहीं जाना जा सकता, लेकिन प्रचार - प्रसार में एक त्रुटि यह भी है की गुणहीन वस्तुओं को भी गुण युक्त वस्तुओं की बराबरी में ला दिया जाता है. उपभोगताओं के बीच एक संशय उत्पन्न हो जाता है की अमुक वास्तु वस्तुत : गुण युक्त है या नहीं. आज व्यापार की दृष्टि से प्रचार-प्रसार वान्छित है लेकिन अर्थ से अनर्थ भी हो रहा है. बड़ी कंपनियाँ साधारण सी वस्तु का इतना भारी भरकम विज्ञापन देती हैं की आम आदमी उसके झाँसे में आ जाता है. विज्ञापन के चमक-दमक में आदमी ठगा भी जाता है. यह भी सच है की विज्ञापनो द्वारा ही उपभोगता वर्ग के संपर्क में आ पाता है.
जीवन की आवश्यकताओं के साथ साथ आज हमारे दैनिक प्रयोग की कॉटिश: वस्तुएँ भी रोज़ रोज़ निर्मित हो रही हैं. आज के विज्ञापन ही हमें उनके निकट लाते हैं. उपभोगता सामग्री की क्यूंकी जीवन में आव्यशकता होती है इसलिए कहा जा सकता है की इसका शेत्र हमारे व्यवहृीक जीवन का संपूर्ण आँगन है. किसी भी प्रकार की सूचना तथा प्रचार को हम विज्ञापनो द्वारा जनता तक पहुँचा सकते हैं. वे सूचनायें कई प्रकार की हो सकती हैं - नौकरी पेशे की , खाली मकानो के बेचने की, औषधियों तथा वस्त्रों का प्रचार, वैवाहिक , सरकारी कार्यक्रमों का प्रचार, फिल्मों के विज्ञापन - जीवन के किसी शेत्र की बातें विज्ञापन के ज़रिए आम आदमी तक पहुँचाई जा सकती हैं
विज्ञापन को साधनों के रूप में तरह-तरह की चीज़ों और आधारों का प्रयोग किया जाता है. विज्ञापन रेल के डिब्बों के बाहर, बसों के पीछे, रिक्शे के पीछे, बिजली के खंबों से लटकता हुआ, दीवारों पर, समाचार पत्रों में, पत्रिकाओं में, सिनेमा हाल की दीवारों पर, रेडियो के द्वारा, टेलिविज़न के द्वारा, हज़ारों माध्यमों के द्वारा विज्ञापन दिया जा सकता है.
जीवन की आवश्यकताओं के साथ साथ आज हमारे दैनिक प्रयोग की कॉटिश: वस्तुएँ भी रोज़ रोज़ निर्मित हो रही हैं. आज के विज्ञापन ही हमें उनके निकट लाते हैं. उपभोगता सामग्री की क्यूंकी जीवन में आव्यशकता होती है इसलिए कहा जा सकता है की इसका शेत्र हमारे व्यवहृीक जीवन का संपूर्ण आँगन है. किसी भी प्रकार की सूचना तथा प्रचार को हम विज्ञापनो द्वारा जनता तक पहुँचा सकते हैं. वे सूचनायें कई प्रकार की हो सकती हैं - नौकरी पेशे की , खाली मकानो के बेचने की, औषधियों तथा वस्त्रों का प्रचार, वैवाहिक , सरकारी कार्यक्रमों का प्रचार, फिल्मों के विज्ञापन - जीवन के किसी शेत्र की बातें विज्ञापन के ज़रिए आम आदमी तक पहुँचाई जा सकती हैं
विज्ञापन को साधनों के रूप में तरह-तरह की चीज़ों और आधारों का प्रयोग किया जाता है. विज्ञापन रेल के डिब्बों के बाहर, बसों के पीछे, रिक्शे के पीछे, बिजली के खंबों से लटकता हुआ, दीवारों पर, समाचार पत्रों में, पत्रिकाओं में, सिनेमा हाल की दीवारों पर, रेडियो के द्वारा, टेलिविज़न के द्वारा, हज़ारों माध्यमों के द्वारा विज्ञापन दिया जा सकता है.
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