I need an essay on 'ग्रंथ हमारे गुरु'
Answers
हिंदू पवित्र ग्रंथों में 'वसुधाकुटंबकम' की अवधारणा को स्पष्ट किया गया है (वसुधा जिसका मतलब है पृथ्वी और कटुंब अर्थात् एक ब्रूड), जिसका अनिवार्य रूप से अर्थ है कि हम सभी जो इस ग्रह पृथ्वी पर रहते हैं, एक ही परिवार के हैं, एक ही बच्चे हैं। भारत में आर्य सभ्यता के समय से ही प्रकृति की अवधारणा का भी अभ्यास किया गया है। हालांकि रेखा के साथ कहीं हम भटक गए हैं, 'भक्षक' बनने वाले (जो कि एक preys है) जिसे हम 'रक्षक' (एक की रक्षा करता है) होना चाहिए था। यही वह दस्तावेज है, जो "द फैन्स ऑफ मैडनेस" चित्रण है। हमारे ग्लेशियरों में विगलन हो रहा है, वन आच्छादन सिकुड़ रहा है, रेगिस्तान विस्तार हो रहा है और विविध वनस्पतियों और जीवों को गायब हो रहा है। हम इस तरह हमारे दैनिक जीवन में क्रिब्ज़ सुनते हैं लेकिन बहुत से चेहरे पागलपन आम बयानबाजी के दायरे से परे जाते हैं और हमें खुद से सवाल करते हैं। 'क्या हम क्षणभंगुर रिटर्न के लालच में देकर हमारी प्रजा की मौजूदगी को खतरे में डाल रहे हैं?' हमारे द्वारा किए गए हर फैसले के लिए हमेशा ही कीमत चुकानी पड़ती है, लेकिन क्या हम विकास के नाम पर इतनी बड़ी कीमत का भुगतान करने को तैयार हैं? क्या प्रकृति और विकास हमेशा एक संघर्ष में है? यदि हां, तो क्या इस संघर्ष को हल करने का एक साधन है जिससे सद्भाव की भावना पैदा हो? यदि नहीं, तो हम क्या चुनते हैं? जब हम ऐसे प्रश्न पूछते हैं तो यह जवाब देने की ओर अग्रसर नहीं होता है बल्कि अधिक से अधिक प्रश्नों के लिए आगे बढ़ता है 'क्या विकास वास्तव में प्राकृतिक संसाधनों के गहन शोषण का मतलब है? बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण क्या विकास के लिए ही है? विकास किस लिए? किसके लिए? हमें विकास के बहुत ही सार को संशोधित करने की आवश्यकता है क्योंकि हम इसे जानते हैं। हालांकि प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया गया है, प्रकृति के प्रति हमारे असंवेदनशील रुख का असर सभी को देखने और महसूस करने के लिए है, यह दर्शकों के मनोदशा पर एक अमिट छाप छोड़ देता है
ग्रंथ हमारे गुरु।
Explanation:
भारतीय लोग प्राचीन ग्रंथों को अपना गुरु मानते हैं क्योंकि उनमें ऐसी बातें लिखी हैं जिनका अनुसरण कर हम अपने और अपने देश के लोगों का भला कर सकते हैं। यह ग्रंथ हमारे गुरु इसलिए हैं क्योंकि इनमें विभिन्न बुद्धिजीवियों और समाज सुधार को द्वारा लिखी गई ऐसी बातें हैं जिनसे हम अपने देश को प्रगति की ओर ले जा सकते हैं ।
ग्रंथ हमारे गुरु हैं क्योंकि इनमें प्राचीन काल के बड़े-बड़े गुरु का ज्ञान संकलित है और जिनके आधार पर हम अपने देश और विश्व के लोगों को विभिन्न प्रकार के संकटों से बचा सकते हैं।
इन ग्रंथों में बड़े-बड़े साम्राज्य के बारे में लिखा गया है और किस काल में लोग किस प्रकार अपना जीवन व्यतीत करते थे इनसे भी हम अपने जीवन में प्रेरणा ले सकते हैं। आधुनिक काल में जिस प्रकार देश तेजी से विकास कर रहे हैं उसी प्रकार लोग प्राचीन संस्कृति को भी बढ़ावा देने लगे हैं और अपने ग्रंथों को अधिक महत्व देने लगे हैं।
और अधिक जानें:
मेरी भारत की कल्पना
brainly.in/question/12141262
brainly.in/question/6416310