Hindi, asked by samcabraham04, 10 months ago

I need Summary/explanation of 'Dohe' (Bihari Ke Dohe - Poem) (10th Grade) in English, and not in Hindi

Answers

Answered by singhmahesh9225
2

Answer:

बिहारी के दोहे- Bihari Ke Dohe

सोहत ओढ़ैं पीतु पटु स्याम, सलौनैं गात।

मनौ नीलमनि सैल पर आतपु परयौ प्रभात॥

कहलाने एकत बसत अहि मयूर, मृग बाघ।

जगतु तपोवन सौ कियौ दीरघ दाघ निदाघ।।

बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाइ।

सौंह करैं भौंहनु हँसै, दैन कहैं नटि जाइ॥

कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात।

भरे भौन मैं करत हैं नैननु हीं सब बात॥

बैठि रही अति सघन बन, पैठि सदन तन माँह।

देखि दुपहरी जेठ की छाँहौं चाहति छाँह॥

कागद पर लिखत न बनत, कहत सँदेसु लजात।

कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात॥

प्रगट भए द्विजराज कुल, सुबस बसे ब्रज आइ।

मेरे हरौ कलेस सब, केसव केसवराइ॥

जपमाला, छापैं, तिलक सरै न एकौ कामु।

मन काँचै नाचै बृथा, साँचै राँचै रामु॥

Similar questions