i want 15 lines of hindi poem on nature
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धरती पर जीवन जीने के लिये भगवान से हमें बहुमूल्य और कीमती उपहार के रुप में प्रकृति मिली है। दैनिक जीवन के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों के द्वारा प्रकृति हमारे जीवन को आसान बना देती है। एक माँ की तरह हमारा लालन-पालन, मदद, और ध्यान देने के लिये हमें अपने प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिये। अगर हम सुबह के समय शांति से बगीचे में बैठे तो हम प्रकृति की मीठी आवाज और खूबसूरती का आनन्द ले सकते है। हमारी कुदरत ढ़ेर सारी प्राकृतिक सुंदरता से सुशोभित है जिसका हम किसी भी समय रस ले सकते है। पृथ्वी के पास भौगोलिक सुंदरता है और इसे स्वर्ग या शहरों का बगीचा भी कहा जाता है। लेकिन ये दुख की बात है कि भगवान के द्वारा इंसानों को दिये गये इस सुंदर उपहार में बढ़ती तकनीकी उन्नति और मानव जाति के अज्ञानता की वजह से लगातार ह्रास हो रहा है।
प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह की होती है जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि हमारा पालन-पोषण करती है। सुबह जल्दी प्रकृति के गोद में ठहलने से हम स्वस्थ और मजबूत बनते है साथ ही ये हमें कई सारी घातक बीमारीयों जैसे डायबिटिज, स्थायी हृदय घात, उच्च रक्त चाप, लीवर संबंधी परेशानी, पाचन संबंधी समस्या, संक्रमण, दिमागी समस्याओं आदि से भी दूर रखता है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिये अच्छा है कि हम चिड़ियों की मधुर आवाज, मंद हवा की खनखनाहट, ताजी हवा की सनसाहट, बहती नदी की आवाज आदि सुबह - सुबह सुनें। ज्यादातर कवि, लेखक और लोगों को अपने दिमाग, शरीर, और आत्मा को दुबारा से ऊर्जायुक्त बनाने के लिये उद्यानों में योगा और ध्यान करते देखा जा सकता है।
प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह की होती है जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि हमारा पालन-पोषण करती है। सुबह जल्दी प्रकृति के गोद में ठहलने से हम स्वस्थ और मजबूत बनते है साथ ही ये हमें कई सारी घातक बीमारीयों जैसे डायबिटिज, स्थायी हृदय घात, उच्च रक्त चाप, लीवर संबंधी परेशानी, पाचन संबंधी समस्या, संक्रमण, दिमागी समस्याओं आदि से भी दूर रखता है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिये अच्छा है कि हम चिड़ियों की मधुर आवाज, मंद हवा की खनखनाहट, ताजी हवा की सनसाहट, बहती नदी की आवाज आदि सुबह - सुबह सुनें। ज्यादातर कवि, लेखक और लोगों को अपने दिमाग, शरीर, और आत्मा को दुबारा से ऊर्जायुक्त बनाने के लिये उद्यानों में योगा और ध्यान करते देखा जा सकता है।
akmeena2005:
plzz mark me as brainlist
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Hey buddy here is your answer !!!
NATURE
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1. वो सबसे धनवान है जो कम से कम में संतुष्ट है। क्योंकि संतुष्टि प्रकृति कि दौलत है।
2. मैं भगवान में विश्वास रखता हूँ। बस मैं उसे प्रकृति कहता हूँ।
3. बसंत; प्रकृति का कहने का तरीका है कि,” चलो जश्न मनाएं!”
4. पृथ्वी और आकाश, जंगल और मैदान, झीलें और नदियाँ, पहाड़ और समुद्र, ये सभी उत्कृष्ट शिक्षक हैं।
5. और हम में से कुछ को इतना कुछ सीखाते हैं जितना हम किताबों से नहीं सीख सकते।
6. प्रकृति बड़ी समझदार ऑर मेहरबान हैं उसने इंसान को सोचने की क्षमता का सबसे बड़ा वरदान दिया हैं लेकिन अफ़सोस की बात हैं की बहुत कम लोग एस महान तोहफ़े का पूरा इस्तेमाल कर पाते
7. जल प्रकृति की असली ताकत हैं।
“प्रकृति को काबू में रखने के लिए हमेशा उसका कहा मानिये।”
8 . तकनीक ऑर विज्ञानं भी प्रकृति में व्याप्त हैं, कोई बाहर से नहीं लेकर आया।
“मनुष्य का पहला कर्तव्य पर्यावरण सुरक्षा।”
9 . प्रकृति हमारी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाती हैं, लेकिन हमारे लालच को पूरा करने के लिए नहीं।
NATURE
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1. वो सबसे धनवान है जो कम से कम में संतुष्ट है। क्योंकि संतुष्टि प्रकृति कि दौलत है।
2. मैं भगवान में विश्वास रखता हूँ। बस मैं उसे प्रकृति कहता हूँ।
3. बसंत; प्रकृति का कहने का तरीका है कि,” चलो जश्न मनाएं!”
4. पृथ्वी और आकाश, जंगल और मैदान, झीलें और नदियाँ, पहाड़ और समुद्र, ये सभी उत्कृष्ट शिक्षक हैं।
5. और हम में से कुछ को इतना कुछ सीखाते हैं जितना हम किताबों से नहीं सीख सकते।
6. प्रकृति बड़ी समझदार ऑर मेहरबान हैं उसने इंसान को सोचने की क्षमता का सबसे बड़ा वरदान दिया हैं लेकिन अफ़सोस की बात हैं की बहुत कम लोग एस महान तोहफ़े का पूरा इस्तेमाल कर पाते
7. जल प्रकृति की असली ताकत हैं।
“प्रकृति को काबू में रखने के लिए हमेशा उसका कहा मानिये।”
8 . तकनीक ऑर विज्ञानं भी प्रकृति में व्याप्त हैं, कोई बाहर से नहीं लेकर आया।
“मनुष्य का पहला कर्तव्य पर्यावरण सुरक्षा।”
9 . प्रकृति हमारी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाती हैं, लेकिन हमारे लालच को पूरा करने के लिए नहीं।
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