Hindi, asked by fatti, 1 year ago

i want a 2 minute speech on samaj seva

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Answered by gunjan5
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samajseva ek aesa karya hai jisse humare man ko shaanti milti hai. hum bhale hi kitne ameer kyun na ho lekin jo sukh humein doosron ki seva ya samaaj seva karne me milta hai wo sukh saare sukhon se alag hota humein log apna aashirwad aur duaein dete hain . wahi ek sachha sukh hota hai . Mahatma Gandhi ko aaj kaun nhin jaanta hai??? unhe unki pahchaan samaj ki seva karna ke kaaran mili hai .  MOTHER TEREASA  jo logon ki itni seva karti thin tabhi wo aaj amar hain ... samajseva mein hi sachha sukh hai .. iss duniya me to sabhi aate hain aur chale jaate hain lekin kuch hi log aese hai jinke jaane ke baad bhi hum unhe yaad karte hain jaise MAHATMA GANDHI, PANDIT JAWAHAR LAAL NEHRU aai.. isliye humein kuch aesa karna chahiye jisse hum hamesha amar rah sakein ,, aur ye hum logon ki seva karke hi paa sakte hain.. isliye humein doosron ki seva karni chahiye agar seva na ho sake to kuch paison ki madad hi kar deni chahiye

fatti: thankzz sis
fatti: :)
gunjan5: समाजसेवा वैयक्तिक आधार पर, समूह अथवा समुदाय में व्यक्तियों की सहायता करने की एक प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति अपनी सहायता स्वयं कर सके। इसके माध्यम से सेवार्थी वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों में उत्पन्न अपनी कतिपय समस्याओं को स्वयं सुलझाने में सक्षम होता है। अत: हम समाजसेवा को एक समर्थकारी प्रक्रिया कह सकते हैं। यह अन्य सभी व्यवसायों से सर्वथा भिन्न होती है, क्योंकि समाज सेवा उन सभी सामाजिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक कारकों का निरूपण कर उसके परिप्रेक्ष्य में क्रियान्वित होती है, जो व्यक्ति एवं उसके पर
gunjan5: समाजसेवा का उद्देश्य व्यक्तियों, समूहों और समुदायों का अधिकतम हितसाधन होता है। अत: सामाजिक कार्यकर्ता सेवार्थी को उसकी समस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाने के साथ उसके पर्यावरण में अपेक्षित सुधार लाने का प्रयास करता है
gunjan5: और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के निमित्त सेवार्थी की क्षमता तथा पर्यावरण की रचनात्मक शक्तियों का प्रयोग करता है। समाजसेवा सेवार्थी तथा उसके पर्यावरण के हितों में सामजस्य स्थापित करने का प्रयास करती है।
समाजसेवा का वर्तमान स्वरूप निम्नलिखित जनतांत्रिक मूल्यों के आधार पर निर्मित हुआ
gunjan5: समाजसेवा के तीन प्रकार होते हैं-
(1) वैयक्तिक समाजसेवा - इस प्रक्रिया के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की सहायता वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों में उत्पन्न उसकी कतिपय समस्याओं के समाधान के लिए करता है जिसमें वह समाज द्वारा स्वीकार्य संतोषपूर्ण जीवन व्यतीत कर सके।
gunjan5: (2) सामूहिक समाजसेवा - एक विधि है जिसके माध्यम से किसी सामाजिक समूह के सदस्यों की सहायता एक कार्यकर्ता द्वारा की जाती है, जो समूह के कार्यक्रमों और उसके सदस्यों की अंत:क्रियाओं को निर्देशित करता है। जिससे वे व्यक्ति की प्रगति एवं समू
gunjan5: Hope it helps u
fatti: no i hv already written dese points frm wikipedia
gunjan5: ok
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