i want a composition in Hindi on Parishram Hi Saphalata Ki Kunji He
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सफलता की कुंजी
--------------------------->>>>>>.>>>>.>>.>.. [{मेहनत}]
ऊंची सोच, कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय ही किसी विद्यार्थी को सफलता की ओर ले जाते हैं। शरीर कमजोर हो जाए तो कोई बात नहीं, लेकिन मन कभी कमजोर मत होने देना। व्यक्ति के विचार, उसकी दृष्टि कई बार उसके जीवन की दशा और दिशा निर्धारित करती हैं। चूंकि जितने भी महापुरुष हुए हैं, वह शरीर से बेशक दुबले-पतले और कमजोर रहे हों, लेकिन उनका मन बड़ा मजबूत था। महात्मा गांधी इसका सशक्त उदाहरण हैं। शिक्षा और साक्षरता को बचाने के साथ संस्कार को भी बचाना जरूरी है क्योंकि यदि शिक्षा के साथ संस्कार जुडे़ हों तो अध्ययन के साथ प्रतिष्ठा भी स्वत: जुड़ जाती है। जो लोग इन बातों को अपने जीवन में उतार लेते हैं, ऐसे लोग अपने नगर के नाम से नहीं बल्कि उनके नाम से नगर जाना जाता है। शिक्षा से व्यक्ति विनम्र बनता है और विनम्रता ही किसी व्यक्ति को महान बनाती है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में आज के युवाओं को कड़ी मेहनत करनी होगी। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। हम जितनी भी वस्तुओं का उपयोग करते हैं उसके पीछे किसी न किसी की मेहनत होती है। आज के युवाओं को परिश्रम से नहीं घबराना चाहिए। मन लगा कर यदि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जुट लाएं कामयाबी जरूर मिलती है।
मैं जानता हूँ कि आप ये हज़ारों बार सुन चुके हैं, लेकिन ये सच है कि “परिश्रम ही सफलता की कुंजी है” और “अगर आप सफल होना चाहते है तो खूब अभ्यास कीजिये और उसके लिए खूब मेहनत कीजिये।” क्योंकि मैं अपने जीवन में ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता जो बिना कड़ी मेहनत के शीर्ष तक पंहुचा हो इसीलिए मेरा मानना है कि ये ही एकमात्र उपाय है जो हमेशा आपको आगे ले जाने में मदद करेगा। ये आपको हर बार सबसे ऊपर तक भले ही ना ले जा सके लेकिन विश्वास कीजिये ये आपको उसके काफी करीब जरूर पहुंचा देगा।“हर कोई वहां बैठ कर शो देखता है और आइडल बनने की उम्मीद करता है, लेकिन हम उन्हें ये सिखाने जा रहे हैं कि इसमें कितनी मेहनत लगती है”आज हम जानेंगे कि कड़ी मेहनत क्या होती है और ये जिंदगी में सफलता प्राप्त करने के लिए कितनी जरूरी है।कड़ी मेहनत से यहाँ मेरा मतलब 24 घंटे काम करना या ज्यादा से ज्यादा पसीना बहाने से नहीं है, कड़ी मेहनत से मेरा तात्पर्य है कि कार्य को तब तक उस तरीके से किया जाए या उस दिशा में किया जाए कि परिणाम को हम अंपनी मर्जी मुताबिक़ और जल्द से जल्द प्राप्त कर सकें।
क्रप्या इसे अति उत्तम मार्क करे / plz mark it best
ऊंची सोच, कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय ही किसी विद्यार्थी को सफलता की ओर ले जाते हैं। शरीर कमजोर हो जाए तो कोई बात नहीं, लेकिन मन कभी कमजोर मत होने देना। व्यक्ति के विचार, उसकी दृष्टि कई बार उसके जीवन की दशा और दिशा निर्धारित करती हैं। चूंकि जितने भी महापुरुष हुए हैं, वह शरीर से बेशक दुबले-पतले और कमजोर रहे हों, लेकिन उनका मन बड़ा मजबूत था। महात्मा गांधी इसका सशक्त उदाहरण हैं। शिक्षा और साक्षरता को बचाने के साथ संस्कार को भी बचाना जरूरी है क्योंकि यदि शिक्षा के साथ संस्कार जुडे़ हों तो अध्ययन के साथ प्रतिष्ठा भी स्वत: जुड़ जाती है। जो लोग इन बातों को अपने जीवन में उतार लेते हैं, ऐसे लोग अपने नगर के नाम से नहीं बल्कि उनके नाम से नगर जाना जाता है। शिक्षा से व्यक्ति विनम्र बनता है और विनम्रता ही किसी व्यक्ति को महान बनाती है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में आज के युवाओं को कड़ी मेहनत करनी होगी। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। हम जितनी भी वस्तुओं का उपयोग करते हैं उसके पीछे किसी न किसी की मेहनत होती है। आज के युवाओं को परिश्रम से नहीं घबराना चाहिए। मन लगा कर यदि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जुट लाएं कामयाबी जरूर मिलती है।
मैं जानता हूँ कि आप ये हज़ारों बार सुन चुके हैं, लेकिन ये सच है कि “परिश्रम ही सफलता की कुंजी है” और “अगर आप सफल होना चाहते है तो खूब अभ्यास कीजिये और उसके लिए खूब मेहनत कीजिये।” क्योंकि मैं अपने जीवन में ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता जो बिना कड़ी मेहनत के शीर्ष तक पंहुचा हो इसीलिए मेरा मानना है कि ये ही एकमात्र उपाय है जो हमेशा आपको आगे ले जाने में मदद करेगा। ये आपको हर बार सबसे ऊपर तक भले ही ना ले जा सके लेकिन विश्वास कीजिये ये आपको उसके काफी करीब जरूर पहुंचा देगा।“हर कोई वहां बैठ कर शो देखता है और आइडल बनने की उम्मीद करता है, लेकिन हम उन्हें ये सिखाने जा रहे हैं कि इसमें कितनी मेहनत लगती है”आज हम जानेंगे कि कड़ी मेहनत क्या होती है और ये जिंदगी में सफलता प्राप्त करने के लिए कितनी जरूरी है।कड़ी मेहनत से यहाँ मेरा मतलब 24 घंटे काम करना या ज्यादा से ज्यादा पसीना बहाने से नहीं है, कड़ी मेहनत से मेरा तात्पर्य है कि कार्य को तब तक उस तरीके से किया जाए या उस दिशा में किया जाए कि परिणाम को हम अंपनी मर्जी मुताबिक़ और जल्द से जल्द प्राप्त कर सकें।
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Yek baat sach hai ki es dunya meh koi bi parishram nahi karta quinky ve humesha kaam jaldi karna chaahete heh .. aur esi vajah seh unko parishram ka fal meeta nahi hota. Agar hum parishram kare to uska fal bi meeta hoga. Lekin agar hum ravan ki tara jaldbaaji kare toh uska kata fal humhe hi bugatna padega.Esliye humare pujiye Mahatma Gandhiji bi parishram kar rahe teh aazadi ke liye aur esi vajah seh humhe angrejo seh aazadi mile. Toh humhe bi parishram karna chaahiye .. quinky parishram ka fal meeta hota hai
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