I want a debate on dada bada na bhaiya sabse bada rupaiya ke sath mein.?
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आजकल लोग समझते हैं कि पैसे से सब कुछ करना संभव है। पैसों को लोगों से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि उनको अपने रिश्तेदारों और पैसे के बीच में चुनने को कहा जाये तो वे पैसे को अधिक इज्ज़त देंगे।
पैसों से व्यक्ति अपने सब काम पूर्ण करवा सकता है। पैसों से वह सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा प्राप्त कर सकता है। अधिक पैसे वालों को समाज में इज्ज़त मिलती है। पैसे देकर वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करवा सकते हैं। उन्हें विदेश भेज सकते हैं। इस प्रकार पैसों से हर प्रकार का आनंद प्राप्त करना संभव है।
परंतु जीवन में पैसा ही सब कुछ नहीं है। परिवार की सुख शांति, आपस के प्रेम आदि को पैसों से नहीं खरीदा जा सकता है। जीवन में सद्भावना और अच्छे व्यवहार का अधिक महत्त्व है। उससे जो सुख प्राप्त होता है वह अमूल्य है। उसके सामने पैसों का कोई महत्त्व नहीं है। व्यक्ति दो रोटी खाकर भी खुश रह सकता है यदि उसके परिवार में सच्चा प्रेम हो।
यह जरुरी नहीं है कि एक धनवान व्यक्ति ही खुश हो, बहुत से गरीब लोग भी खुश रहते हैं। इसलिए पैसों को अपने संबंधियों और प्रेम करने वालों से अधिक मान देना उचित नहीं है।