i want a essay on dusshera in hindi
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इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से छुड़ाया था और सारा समाज भयमुक्त हुआ था। रावण को मारने से पूर्व राम ने दुर्गा की आराधना की थी। मां दुर्गा ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें विजय का वरदान दिया था। रावण दहन आज भी बहुत धूमधाम से किया जाता है। इसके साथ ही आतिशबाजियां छोड़ी जाती हैं। दुर्गा की मूर्ति की स्थापना कर पूजा करने वाले भक्त मूर्ति-विसर्जन का कार्यक्रम भी गाजे-बाजे के साथ करते हैं।
भक्तगण दशहरे में मां दुर्गा की पूजा करते हैं। कुछ लोग व्रत एवं उपवास करते हैं। पूजा की समाप्ति पर पुरोहितों को दान-दक्षिणा देकर संतुष्ट किया जाता है। कई स्थानों पर मेले लगते हैं। रामलीला का आयोजन भी किया जाता है।मैसूर का दशहरा देशभर में विख्यात है। मैसूर में दशहरे के समय पूरे शहर की गलियों को रोशनी से सज्जित किया जाता है और हाथियों का श्रृंगार कर पूरे शहर में एक भव्य जुलूस निकाला जाता है।
इस समय प्रसिद्ध मैसूर महल को दीपमालिकाओं से दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इसके साथ शहर में लोग टार्च लाइट के संग नृत्य और संगीत की शोभा यात्रा का आनंद लेते हैं।दस दिन पहले ही रामलीला का मंचन आरंभ हो जाता है। इन दिनों रामकथा को नाटक रूप में दिखाया जाता है। दसवें दिन रावण, मेघनाद और कूंभकरण के पूतले का दहन किया जाता है। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े मेलों का आयोजन भी किया जाता है। विद्यालयों में बच्चों के लिए दस दिन का अवकाश भी घोषित कर दिया जाता है। बच्चे बड़े उत्साह के साथ रावण दहन देखने जाते हैं और मेलों में बहुत आनंद उठाते हैं। भारत के सभी स्थानों में इसे अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। कहीं यह दुर्गा विजय का प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है, तो कहीं नवरात्रों के रूप में। बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है। यह त्योहार हर्ष और उल्लास का प्रतीक है। इस दिन मनुष्य को अपने अंदर व्याप्त पाप, लोभ, मद, क्रोध, आलस्य, चोरी, अंहकार, काम, हिंसा, मोह आदि भावनाओं को समाप्त करने की प्रेरणा मिलती है। यह दिन हमें प्रेरणा देता है कि हमें अंहकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अंहकार के मद में डूबा हुआ एक दिन अवश्य मुँह की खाता है। रावण बहुत बड़ा विद्वान और वीर व्यक्ति था परन्तु उसका अंहकार ही उसके विनाश कारण बना। यह त्योहार जीवन को हर्ष और उल्लास से भर देता है, साथ यह जीवन में कभी अंहकार न करने की प्रेरणा भी देता है।
दशहरा (Dussehra)
दशहरा एक भारतीय त्योहार है जो भारत के सभी प्रमुख हिस्सों में मनाया जाता है, और कुछ पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, श्रीलंका में सितंबर-अक्टूबर के महीनों में। यह भारतीय लोगों के लिए पौराणिक, आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व वाले सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरा उत्सव का एक बड़ा इतिहास रहा है क्योंकि इसे मनाया जाता है क्योंकि भगवान राम ने इस विशेष अवसर पर रावण का वध किया था।
दशहरा भी कहा जाता है और भारत के कुछ हिस्सों में विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। मूल रूप से मामूली, क्षेत्रीय मतभेदों के साथ, वे दोनों समान घटनाओं का संकेत देते हैं
दशहरा दुर्गा पूजा या नवरात्रि के दस दिवसीय महोत्सव का आखिरी दिन है। दुर्गा पूजा देवी दुर्गा के लिए दस दिवसीय अनुष्ठान पूजा और उत्सव की अवधि है। कई निजी और सार्वजनिक समारोहों में देवी की एक बड़ी मूर्ति स्थापित और पूजा की जाती है। अंतिम दिन, मूर्ति को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है। नवरात्रि का अर्थ होता है नौ रातों का त्योहार। यह भारत के अन्य क्षेत्रों में देवी दुर्गा के लिए भी समान पूजा और उत्सव है।