Hindi, asked by tanikaray, 1 year ago

I want a Paragraph on Sarojini Naidu in Hindi. Not too long. Not too short

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Answered by mizan786
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भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भू‍मिका निभाने वाली सरोजिनी नायडू का जन्म हैदराबाद में हुआ। उन्होंने घर पर ही अंगरेजी का अध्ययन किया और बारह वर्ष की आयु में मैट्रिक पास की। वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर सकीं, परंतु अंगरेजी भाषा में काव्य सृजन में वे प्रतिभावान रहीं। गीतिकाव्य की शैली में नायडू ने काव्य सृजन किया और 1905, 1912 और 1917 में उनकी कविताएं प्रकाशित हुईं। 

नायडू के राजनीति में सक्रिय होने में गोखले के 1906 के कोलकाता अधिवेशन के भाषण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1903 से 1917 के बीच वे टैगोर, गांधी, नेहरू व अन्य नायकों से भी मिलीं। ऐनी बेसेंट और अय्यर के साथ युवाओं में राष्ट्रीय भावनाओं का जागरण करने हेतु उन्होंने 1915 से 18 तक भारत भ्रमण किया। 1919 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में वे गांधीजी की विश्वसनीय सहायक थीं। 

होम रूल के मुद्दे को लेकर वे 1919 में इंग्लैंड गईं। 1922 में उन्होंने खादी पहनने का व्रत लिया। 1922 से 26 तक वे दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के समर्थन में आंदोलनरत रहीं और गांधीजी के प्रतिनिधि के रूप में 1928 में अमेरिका गईं। 

FILEसरोजिनी नायडू ने गांधीजी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और 'भारत छोड़ो' आंदोलन में जेल भी गईं। नायडू ने 1925 में कानपुर कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की। वे उत्तरप्रदेश की गवर्नर बनने वाली पहली महिला थीं। वे 'भारत कोकिला' के नाम से जानी गईं। 

नायडू के कानपुर कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्षीय भाषण के समय कहा था - 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को (सभी को) जो उसकी परिधि में आते हों, एक आदेश देना चाहिए कि केंद्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं में वे अपनी सीटें खाली करें और कैलाश से कन्याकुमारी तक, सिंधु से ब्रह्मपुत्र तक एक गतिशील और अथक अभियान का श्रीगणेश करें।'

'चुनाव के बाद जब तुम्हारा भव्य अभिनंदन किया जा रहा था, तो तुम्हारे चेहरे को देखते-देखते मुझे लगा, मानो मैं एक साथ ही राजतिलक और सूली का दृश्य देख रही हूं। वास्तव में कुछ परिस्थितियों और कुछ अवस्थाओं में ये दोनों एक-दूसरे से अभिन्न हैं और लगभग पर्यायवाची हैं।' 

नायडू द्वारा पं. नेहरू को 29 सितंबर, 1929 को लिखे गए पत्र से।
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