Hindi, asked by atmarampalod, 1 year ago

I want a poem in hindi on any topi
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Answered by amritasharma1006
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Answer:

ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे

ये हवाओ की सरसराहट

ये पेड़ो पर फुदकते चिड़ियों की चहचहाहट

ये समुन्दर की लहरों का शोर

ये बारिश में नाचते सुंदर मोर

कुछ कहना चाहती है हमसे

ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे

ये खुबसूरत चांदनी रात

ये तारों की झिलमिलाती बरसात

ये खिले हुए सुन्दर रंगबिरंगे फूल

ये उड़ते हुए धुल

कुछ कहना चाहती है हमसे

ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे

ये नदियों की कलकल

ये मौसम की हलचल

ये पर्वत की चोटियाँ

ये झींगुर की सीटियाँ

कुछ कहना चाहती है हमसे

ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे

कुदरत

हे भगवान् तेरी बनाई यह धरती , कितनी ही सुन्दर

नए – नए और तरह – तरह के

एक नही कितने ही अनेक रंग !

कोई गुलाबी कहता ,

तो कोई बैंगनी , तो कोई लाल

तपती गर्मी मैं

हे भगवान् , तुम्हारा चन्दन जैसे व्रिक्स

सीतल हवा बहाते

खुशी के त्यौहार पर

पूजा के वक़्त पर

हे भगवान् , तुम्हारा पीपल ही

तुम्हारा रूप बनता

तुम्हारे ही रंगो भरे पंछी

नील अम्बर को सुनेहरा बनाते

तेरे चौपाये किसान के साथी बनते

हे भगवान् तुम्हारी यह धरी बड़ी ही मीठी

मौसम बसंत का

लो आ गया फिर से हँसी मौसम बसंत का

शुरुआत है बस ये निष्ठुर जाड़े के अंत का

गर्मी तो अभी दूर है वर्षा ना आएगी

फूलों की महक हर दिशा में फ़ैल जाएगी

पेड़ों में नई पत्तियाँ इठला के फूटेंगी

प्रेम की खातिर सभी सीमाएं टूटेंगी

सरसों के पीले खेत ऐसे लहलहाएंगे

सुख के पल जैसे अब कहीं ना जाएंगे

आकाश में उड़ती हुई पतंग ये कहे

डोरी से मेरा मेल है आदि अनंत का

लो आ गया फिर से हँसी मौसम बसंत का

शुरुआत है बस ये निष्ठुर जाड़े के अंत का

ज्ञान की देवी को भी मौसम है ये पसंद

वातवरण में गूंजते है उनकी स्तुति के छंद

स्वर गूंजता है जब मधुर वीणा की तान का

भाग्य ही खुल जाता है हर इक इंसान का

माता के श्वेत वस्त्र यही तो कामना करें

विश्व में इस ऋतु के जैसी सुख शांति रहे

जिसपे भी हो जाए माँ सरस्वती की कृपा

चेहरे पे ओज आ जाता है जैसे एक संत का

लो आ गया फिर से हँसी मौसम बसंत का

शुरुआत है बस ये निष्ठुर जाड़े के अंत का

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