I want about mahatama gandi in Hindi
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महापुरुष महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था। उनके पिता करमचन्द गांधी राजकोट के ‘दीवान’ थे उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो कि धार्मिक विचारों वाली महिला थी और महात्मा गांधी पर भी उनके विचारों का गहरा प्रभाव पड़ा।
महात्मा गांधी की शुरुआती शिक्षा राजकोट में हुई थी उन्होनें साल 1881 में 10th क्लास में एडमिशन लिया था। आपको बता दें कि गांधी जी जब महज 13 साल के थे तभी उनकी शादी कस्तूरबा से कर दी गई थी यानि की छोटी उम्र से ही गांधी जी ने अपनी जिम्मेदारियां उठानी शुरु कर दी थी लेकिन गांधी जी के कठोर दृढ़संकल्प ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और उनकी परिवारिक जिंदगी उनकी पढ़ाई और उनके राष्ट्रहित के विचारों के कभी आड़े नहीं आई।
उन्होनें कभी अपने स्वार्थ की परवाह नहीं की और अपनी आगे की पढ़ाई शादी के बाद भी जारी रखी। महात्मा गांधी ने साल 1887 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और भावनगर के सामलदास कॉलेज में एडमिशन लिया। लेकिन परिवार वालों के कहने पर उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैण्ड जाना पड़ा। जहां उन्होनें अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की।
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महापुरुष महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था। उनके पिता करमचन्द गांधी राजकोट के ‘दीवान’ थे उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो कि धार्मिक विचारों वाली महिला थी और महात्मा गांधी पर भी उनके विचारों का गहरा प्रभाव पड़ा।
महात्मा गांधी की शुरुआती शिक्षा राजकोट में हुई थी उन्होनें साल 1881 में 10th क्लास में एडमिशन लिया था। आपको बता दें कि गांधी जी जब महज 13 साल के थे तभी उनकी शादी कस्तूरबा से कर दी गई थी यानि की छोटी उम्र से ही गांधी जी ने अपनी जिम्मेदारियां उठानी शुरु कर दी थी लेकिन गांधी जी के कठोर दृढ़संकल्प ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और उनकी परिवारिक जिंदगी उनकी पढ़ाई और उनके राष्ट्रहित के विचारों के कभी आड़े नहीं आई।
उन्होनें कभी अपने स्वार्थ की परवाह नहीं की और अपनी आगे की पढ़ाई शादी के बाद भी जारी रखी। महात्मा गांधी ने साल 1887 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और भावनगर के सामलदास कॉलेज में एडमिशन लिया। लेकिन परिवार वालों के कहने पर उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैण्ड जाना पड़ा। जहां उन्होनें अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की।
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। हम उन्हें प्यार से बापू पुकारते हैं। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। सभी स्कूलों और शासकीय संस्थानों में 2 अक्टूबर को इनकी जयंती मनाई जाती है। उन्हीं के प्रेरणा से हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ।
गांधीजी के पिता करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वह धार्मिक विचारों वाली थी।
उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा के लिए आंदोलन चलाए। गांधीजी वकालत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड भी गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने बंबई में वकालत शुरू की। महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
एक बार गांधीजी मुकदमे की पैरवी के लिए दक्षिण अफ्रीका भी गए थे। वह अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर अत्याचार देख बहुत दुखी हुए। उन्होंने डांडी यात्रा भी की।
गांधीजी की 30 जनवरी को प्रार्थना सभा में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी। महात्मा गांधी की समाधि राजघाट दिल्ली पर बनी हुई है।
गांधीजी के पिता करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वह धार्मिक विचारों वाली थी।
उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा के लिए आंदोलन चलाए। गांधीजी वकालत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड भी गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने बंबई में वकालत शुरू की। महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
एक बार गांधीजी मुकदमे की पैरवी के लिए दक्षिण अफ्रीका भी गए थे। वह अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर अत्याचार देख बहुत दुखी हुए। उन्होंने डांडी यात्रा भी की।
गांधीजी की 30 जनवरी को प्रार्थना सभा में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी। महात्मा गांधी की समाधि राजघाट दिल्ली पर बनी हुई है।
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