i want an essay in about 300 words on rising prices of petrol in hindi only. please reply it fast
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इस संबंध मᱶ सरकार का तकᭅ यह हैᳰक पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ पर जो भी शु᭨क िलया जाता है वह
िवकास कायᲄ मᱶखचᭅ होता है। करीब 42 ᮧितशत उ᭜पाद शु᭨क रा᭔यᲂ को आधारभूत ढाँचा और
अ᭠य क᭨याणकारी कायᭅᮓमᲂ के िलयेᳰदया जाता है। हालाँᳰक ᳰकसी ऐसे सुधार िजससे लोगᲂ कᳱ
जेब पर अनाव᭫यक बोझ बढ़े, को लेकर िववाद हो सकता है, लेᳰकन सरकार का तकᭅ भी उिचत है।
आगे कᳱ राह
हमारे सामने यᭃ ᮧ᳤ यह है ᳰक इस सम᭭या का समाधान कै से हो? पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ कᳱ मू᭨य
वृि का सबसे बड़ा कारण तेलᲂ पर लगने वाला शु᭨क माना जाता है। इसमᱶके ᭠ᮤ का उ᭜पाद शु᭨क
अलग होता और रा᭔यᲂ का वैट भी अलग से लगाया जाता है।
रा᭔यᲂ के बारे मᱶ कहा जाता है वे पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ पर िजतना कर वसूलते हᱹ वह अित है।
उदाहरण के िलयेमहारा᳦ ᳇ारा पेᮝोल पर 47.64 ᮧितशत का वैट शु᭨क लगाया जाता है।
पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ के दाम घटाने का एक रा᭭ता यह है ᳰक के ᭠ᮤ उ᭜पाद शु᭨क मᱶ कमी लाए तथा
रा᭔य भी अपने वैट शु᭨कᲂ मᱶ कमी करᱶ।
रा᭔यᲂ ने तेलᲂ को जीएसटी मᱶ लाने का िवरोध ᳰकया था, यᲂᳰक वे पेᮝोल एवं डीजल से होने
वाली कमाई नहᱭ छोड़ना चाहतेथे। दरअसल वैट मᱶ रा᭔यᲂ ᳇ारा मनमाᳰफक शु᭨क आरोिपत ᳰकया
जा सकता है, लेᳰकन यᳰद इन उ᭜पादᲂ को जीएसटी के अंतगᭅत ला ᳰदया गया तो एक समान दरᱶ
लागू हो जाने के कारण वे ऐसा नहᱭ कर पाएंगे। अतः कᳱमतᲂ पर िनयंᮢण के िलये इ᭠हᱶ जीएसटी के
अंतगᭅत लाना एक उᱫम िवचार है।
गौरतलब है ᳰक अब तेल कं पिनयᲂ का घाटा भी ख᭜म हो चुका हैऔर आज वो मुनाफा कमा रही हᱹ।
इन पᳯरि᭭थितयᲂ मᱶ सरकारᲂ को पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ पर मनमाᳰफक शु᭨क आरोिपत कर खज़ाना
भरने के बजाय आᳶथक सुधारᲂ पर ᭟यान देना चािहये।
िन᭬कषᭅ
दरअसल, पेᮝोल और डीजल कᳱ कᳱमतᲂ मᱶ ᭜वᳯरत पᳯरवतᭅन कᳱ आशंका लगातार बनी रहती है।
यᳰद धन कᳱ कᳱमतᲂ को सि᭥मिलत करते ᱟए तैयार ᳰकये गए मुᮤा᭭फᳱित के आँकड़ᲂ के आधार पर
मौᳰᮤक नीितयᲂ का िनमाᭅण ᳰकया जाए तो बदलती कᳱमतᲂ के आधार पर नीितयᲂ मᱶ भी बदलाव
लाना होगा और मौᳰᮤक नीितयᲂ मᱶ सा᳙ािहक या अᭅमािसक बदलाव लाया जाना ᳞ावहाᳯरक
नहᱭ कहा जा सकता।
लेᳰकन, यᳰद पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ कᳱ कᳱमतᱶ लगातार आसमान छू रही हᲂ तो यह अथᭅ᳞व᭭था मᱶ
माँग एवं उ᭜पादन चᮓ को ᳞ापक समय के िलये बुरी तरह से ᮧभािवत करती हैऔर ᳰफर इससे
मुᮤा᭭फᳱित मᱶ भी वृि देखने को िमलती है। अतः यह उिचत समय है ᳰक इस बारे मᱶ कुछ
᳞ावहाᳯरक ᮧयास ᳰकये जाएँ।
िवकास कायᲄ मᱶखचᭅ होता है। करीब 42 ᮧितशत उ᭜पाद शु᭨क रा᭔यᲂ को आधारभूत ढाँचा और
अ᭠य क᭨याणकारी कायᭅᮓमᲂ के िलयेᳰदया जाता है। हालाँᳰक ᳰकसी ऐसे सुधार िजससे लोगᲂ कᳱ
जेब पर अनाव᭫यक बोझ बढ़े, को लेकर िववाद हो सकता है, लेᳰकन सरकार का तकᭅ भी उिचत है।
आगे कᳱ राह
हमारे सामने यᭃ ᮧ᳤ यह है ᳰक इस सम᭭या का समाधान कै से हो? पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ कᳱ मू᭨य
वृि का सबसे बड़ा कारण तेलᲂ पर लगने वाला शु᭨क माना जाता है। इसमᱶके ᭠ᮤ का उ᭜पाद शु᭨क
अलग होता और रा᭔यᲂ का वैट भी अलग से लगाया जाता है।
रा᭔यᲂ के बारे मᱶ कहा जाता है वे पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ पर िजतना कर वसूलते हᱹ वह अित है।
उदाहरण के िलयेमहारा᳦ ᳇ारा पेᮝोल पर 47.64 ᮧितशत का वैट शु᭨क लगाया जाता है।
पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ के दाम घटाने का एक रा᭭ता यह है ᳰक के ᭠ᮤ उ᭜पाद शु᭨क मᱶ कमी लाए तथा
रा᭔य भी अपने वैट शु᭨कᲂ मᱶ कमी करᱶ।
रा᭔यᲂ ने तेलᲂ को जीएसटी मᱶ लाने का िवरोध ᳰकया था, यᲂᳰक वे पेᮝोल एवं डीजल से होने
वाली कमाई नहᱭ छोड़ना चाहतेथे। दरअसल वैट मᱶ रा᭔यᲂ ᳇ारा मनमाᳰफक शु᭨क आरोिपत ᳰकया
जा सकता है, लेᳰकन यᳰद इन उ᭜पादᲂ को जीएसटी के अंतगᭅत ला ᳰदया गया तो एक समान दरᱶ
लागू हो जाने के कारण वे ऐसा नहᱭ कर पाएंगे। अतः कᳱमतᲂ पर िनयंᮢण के िलये इ᭠हᱶ जीएसटी के
अंतगᭅत लाना एक उᱫम िवचार है।
गौरतलब है ᳰक अब तेल कं पिनयᲂ का घाटा भी ख᭜म हो चुका हैऔर आज वो मुनाफा कमा रही हᱹ।
इन पᳯरि᭭थितयᲂ मᱶ सरकारᲂ को पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ पर मनमाᳰफक शु᭨क आरोिपत कर खज़ाना
भरने के बजाय आᳶथक सुधारᲂ पर ᭟यान देना चािहये।
िन᭬कषᭅ
दरअसल, पेᮝोल और डीजल कᳱ कᳱमतᲂ मᱶ ᭜वᳯरत पᳯरवतᭅन कᳱ आशंका लगातार बनी रहती है।
यᳰद धन कᳱ कᳱमतᲂ को सि᭥मिलत करते ᱟए तैयार ᳰकये गए मुᮤा᭭फᳱित के आँकड़ᲂ के आधार पर
मौᳰᮤक नीितयᲂ का िनमाᭅण ᳰकया जाए तो बदलती कᳱमतᲂ के आधार पर नीितयᲂ मᱶ भी बदलाव
लाना होगा और मौᳰᮤक नीितयᲂ मᱶ सा᳙ािहक या अᭅमािसक बदलाव लाया जाना ᳞ावहाᳯरक
नहᱭ कहा जा सकता।
लेᳰकन, यᳰद पेᮝोिलयम उ᭜पादᲂ कᳱ कᳱमतᱶ लगातार आसमान छू रही हᲂ तो यह अथᭅ᳞व᭭था मᱶ
माँग एवं उ᭜पादन चᮓ को ᳞ापक समय के िलये बुरी तरह से ᮧभािवत करती हैऔर ᳰफर इससे
मुᮤा᭭फᳱित मᱶ भी वृि देखने को िमलती है। अतः यह उिचत समय है ᳰक इस बारे मᱶ कुछ
᳞ावहाᳯरक ᮧयास ᳰकये जाएँ।
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