i want an essay in hindi - naitik mulya pathya pustak tak hi simit hain
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नैतिक मूल्य हमारी पुस्तक तक सीमित नहीं है। बचपन से ही हमें नैतिक मूल्यों के पाठ हमें हमारे माता-पिता सिखाते हैं। इसलिए किताबों तक तो नैतिक मूल्य बिल्कुल भी सीमित नहीं है।
नैतिक मूल्य में हमें ईमानदार और दयालु होना, दूसरों के प्रति सम्मान करना, ज़रूरत वाले लोगों की मदद करना, वफादार होना और दूसरों की सहायता करना भी शामिल है।
नैतिक मूल्य समाज द्वारा परिभाषित मूल्य हैं जिनके आधार पर किसी व्यक्ति के चरित्र का निर्धारण किया जाता है। इन मूल्यों के आधार पर एक व्यक्ति को अच्छा या बुरा कहा जाता है।
यह नैतिक मूल्य किताब से ज्यादा हमें खुद से सीखना होता है।
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