I want Hindi anuwad of svasthya dhanm
Answers
Answer:
स्वास्थ्य ही धन है’ एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि स्वास्थ्य ही सब कुछ है और इसका महत्व धन से भी अधिक है। यदि कोई अपना स्वास्थ्य बनाए रखता है, तो उसे अपने जीवन में सब कुछ आसानी से प्राप्त हो जाता है। हम यहाँ ‘स्वास्थ्य ही धन है’ पर बहुत से भाषण उपलब्ध करा रहे हैं, जो स्कूल या कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न शब्द सीमाओं के अन्तर्गत लिखे गए है। वे दिए गए भाषण में से कोई सा भी भाषण अपनी आवश्यकता के अनुसार चुन सकते हैं:
स्वास्थ्य ही धन है पर भाषण (Speech on Health is Wealth in Hindi)
भाषण 1
आदरणीय अध्यापक एवं अध्यापिकाएं और मेरे प्यारे सहपाठियों को सुप्रभात। जैसा कि हम सभी इस विशेष अवसर को मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, मैं इस अवसर पर ‘स्वास्थ्य ही धन है’, विषय पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। हम सभी इस आम कहावत ‘स्वास्थ्य ही धन है’ के बारे में जानते हैं, लेकिन मैं यह नहीं मानती कि हम सभी अपनी दैनिक दिनचर्या में इस कहावत का अनुसरण भी करते हैं।
हम में से सभी बहुत अच्छे से जानते हैं कि एक अच्छा स्वास्थ्य अच्छे रास्ते का नेतृत्व करता है हालांकि, हम में से कोई भी अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं करता है। यदि हम प्रकृति के नियमों का पालन करते हुए अनुशासन में नहीं रहेगें, तो हम जीवन में कभी भी स्वस्थ नहीं होंगे और न ही सफलता को प्राप्त कर सकेंगे।
स्वास्थ्य ही धन है
हमें भगवान ने काम करने के लिए दो हाथ और चलने के लिए दो पैर दिए हैं, यदि हम अपने अंगों को आवश्यकतानुसार उचित तरीके से प्रयोग नहीं करेंगे तो ये हमारा दुर्भाग्य होगा जो हमें विनाश की ओर ले जायेगा। बहुत से लोग सप्ताह और महीने के बहुत से दिन और रात सिर्फ बैड पर लेटे हुए या बैठकर बिता देते हैं। वे बिना तैरने वाली मछली या बिना उड़ने वाले पक्षी की तरह होते हैं।
आप ये कल्पना आसानी से कर सकते हो कि, मछली तैरना और पक्षी उड़ना बंद कर दे, तो उस समय उनके साथ क्या होगा? इसका जवाब बहुत ही सामान्य है कि, वे आसानी से किसी भी बड़े पक्षी या जानवर का भोजन बन जाएँगी और धीरे-धीरे उनकी प्रजाति नष्ट हो जाएगी। इसी तरह जिन लोगों का जीवन अधिक विलासित से भरा हुआ होता है, वो स्वस्थ नहीं होते हैं।
कुछ दशक पहले के लोग स्वस्थ और मजबूत होते थे क्योंकि वे लम्बी दूरी की सैर पर पैदल जाया करते थे और अपने घर के सभी कार्यों को स्वंय करते थे। अभी हाल ही के दशकों में, तकनीकी में वृद्धि बड़ी तेजी से हुई है जिसने जीवन के हर क्षेत्र में मनुष्य के प्रयासों को कम कर दिया है। पहले, हमारे बुजुर्गों की जीवन शैली बहुत अच्छी थी और उनकी अजीविका बहुत स्वस्थ थी क्योंकि वे शिकार, कृषि कार्यों, खेत जोतने, घूमने, दौड़ने जैसे आदि कार्य करते थे। आजकल, किसी भी आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति जीवन की शुरुआत से ही एक से अधिक बीमारियों से ग्रसित है (जैसे उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, गठिया, तनाव संबंधी रोग, आदि)।
स्वंय को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए, हमें दैनिक आधार पर सक्रिय होने के साथ ही अच्छी तरह से आहार लेना, व्यायाम, सकारात्मक सोच और अच्छी आदतों का पालन करने की आवश्यकता है। हमें जीवन के हरेक पहलू पर अनुशासित होने की आवश्यकता है।
धन्यवाद।