Hindi, asked by tafseerchoudhary, 1 year ago

I want Sanskrit shlok for competition with meaning in Hindi
plese give me best shlok so I can 1st in competition

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Answered by jaya4182
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tafseerchoudhary: if you give clear image then I mark brainliest
Answered by sakshi9685
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shlok for your competition

यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते निर्घषणच्छेदन तापताडनैः। तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।

 भावार्थ :

घिसने, काटने, तापने और पीटने, इन चार प्रकारों से जैसे सोने का परीक्षण होता है, इसी प्रकार त्याग, शील, गुण, एवं कर्मों से पुरुष की परीक्षा होती है ।

सत्य -सत्यमेवेश्वरो लोके सत्ये धर्मः सदाश्रितः । सत्यमूलनि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम् ॥

 भावार्थ :

सत्य ही संसार में ईश्वर है; धर्म भी सत्य के ही आश्रित है; सत्य ही समस्त भव - विभव का मूल है; सत्य से बढ़कर और कुछ नहीं है ।

पन्चाग्न्यो मनुष्येण परिचर्या: प्रयत्नत: । पिता माताग्निरात्मा च गुरुश्च भरतर्षभ।।

 भावार्थ :

भरतश्रेष्ठ ! पिता , माता अग्नि ,आत्मा और गुरु – मनुष्य को इन पांच अग्नियों की बड़े यत्न से सेवा करनी चाहिए।

दर्शने स्पर्शणे वापि श्रवणे भाषणेऽपि वा। यत्र द्रवत्यन्तरङ्गं स स्नेह इति कथ्यते॥

 भावार्थ :

यदि किसी को देखने से या स्पर्श करने से, सुनने से या बात करने से हृदय द्रवित हो तो इसे स्नेह कहा जाता है॥

वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया ।
लक्ष्मी : दानवती यस्य,सफलं तस्य जीवितं ।।

हिंदी अर्थ:- जिस मनुष्य की वाणी मीठी है, जिसका कार्य परिश्रम से परिपूर्ण है, जिसका धन दान करने में प्रयोग होता है, उसका जीवन सफल है।

hope it helps u and mark as branlist plz
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