Hindi, asked by rohanPatla360, 1 year ago

i want the summary of pariksha kahani written by premchand?

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Answered by sheetal2015
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परीक्षा का सारांश देवगढ़ की रियासत के दीवान सुजानसिंह ने राजा से बुढ़ापे के कारण अपने पद से त्याग देने का प्रस्ताव राजा के सामने रखा । राजा , सुजान सिंह को बहुत नीति कुशल मानते थे अतः उन्होने नया दीवान चुनने की ज़िम्मेदारी भी सुजान सिंह को दे दी। अखबार मे नए योग्य दीवान के लिए विज्ञापन दिया गया कि एक महीने तक उम्मीदवारों को परखा जाएगा और जो उम्मीदवार इस परीक्षा मे खरा उतरेगा वही नया दीवान होगा। विभिन्न राज्यों से सेकड़ों तरह तरह के लोग , इस पद के लिए देवगढ़ पहुँचने लगे। सुजान सिंह ने इन सभी का आदर सत्कार का अच्छा प्रबंध किया था। हर व्यक्ति अपने आप को सर्वश्रेष्ठ दिखाने मे लग गया । जिस से बात करो वही सदाचार का पुजारी और नम्रता का देवत्गा बन दिखाई देता था । लेकिन सुजान सिंह सभी को देख रहा था की इन बगुलो मे हंस खा छुपा है। एक दिन उम्मीदवारों ने हाकी का खेल खेलने का निश्चय किया । हाकी का खेल समाप्त होने के बाद जब सभी उम्मीदवार जा रहे थे तब रास्ते मे एक असहाय किसान जिसकी अनाज से लदी बैल गाड़ी नाले मे फंस गई थी , वहाँ खड़ा हुआ था। सभी उम्मीदवार वहाँ से गुजर रहे थे परंतु किसी ने भी उस किसान की मदद न की। तभी एक जख्मी उम्मीदवार उस किसान के पास आया। उसने किसान की गाड़ी निकालने मे मदद की । एक महीने की परीक्षा के बाद जब परिणाम के दिन , सुजान सिह ने उसी उम्मीदवार को चुना जिसने असहाय किसान की मदद की और कहा कि हमे ऐसे ही वीर ,साहसी और परोपकारी दीवान की जरूरत थी।
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