varisth nagriko ke prati adar-samman
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हम सभी को बड़े-बुजुर्गो का मान सम्मान करना चाहिए अर्थात उनके प्रति हमारे मन मे आदर भाव होना चाहिए ।
बड़ों से तात्पर्य, उन लोगो से है जो हम से उम्र मे बड़े है । हम से बड़े लोगो का सांसरिक अनुभव हम से ज़्यादा होता है, इसलिए हम उनसे बहुत-सी ज्ञान की बाते भी सीख सकते है। वो अपने अनुभव के आधार पर हमारा अच्छा मार्ग दर्शन भी कर सकते है , उदाहरण के लिए दादा दादी , नाना नानी ,माता पिता , बड़े भाई-बहन ,रिश्तेदार , बुजुर्ग , एवं आसपास रहने वाले हमसे बड़े लोग इत्यादि से हम शिक्षा , आदर्श , जीवन का लक्ष्य आदि के लिए मार्ग दर्शन ले सकते है । अगर कोई समस्या हमारे सामने आ जाती है तो उस समय बड़े-बुजुर्ग हमारी समस्या के समाधान के लिए हर-संभव प्रयास करते है । वो हमसे केवल उनके प्रति प्रेम और आदर भाव की अपेक्षा रखते है। अगर हमे जीवन मे एक सफल व्यक्ति बनना है तो हमे नैतिकता एवं आदर्शो के एक उचित मार्ग पर चलना होगा , जो तभी संभव है जबकि हम अपने बड़ो का समान करे एवं उनके दिखाये मार्ग दर्शन का पालन करें। एक सभ्य समाज एवं राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक है कि सभी अपने बड़े-बुजुर्गों का आदर सम्मान करे।
बड़ों से तात्पर्य, उन लोगो से है जो हम से उम्र मे बड़े है । हम से बड़े लोगो का सांसरिक अनुभव हम से ज़्यादा होता है, इसलिए हम उनसे बहुत-सी ज्ञान की बाते भी सीख सकते है। वो अपने अनुभव के आधार पर हमारा अच्छा मार्ग दर्शन भी कर सकते है , उदाहरण के लिए दादा दादी , नाना नानी ,माता पिता , बड़े भाई-बहन ,रिश्तेदार , बुजुर्ग , एवं आसपास रहने वाले हमसे बड़े लोग इत्यादि से हम शिक्षा , आदर्श , जीवन का लक्ष्य आदि के लिए मार्ग दर्शन ले सकते है । अगर कोई समस्या हमारे सामने आ जाती है तो उस समय बड़े-बुजुर्ग हमारी समस्या के समाधान के लिए हर-संभव प्रयास करते है । वो हमसे केवल उनके प्रति प्रेम और आदर भाव की अपेक्षा रखते है। अगर हमे जीवन मे एक सफल व्यक्ति बनना है तो हमे नैतिकता एवं आदर्शो के एक उचित मार्ग पर चलना होगा , जो तभी संभव है जबकि हम अपने बड़ो का समान करे एवं उनके दिखाये मार्ग दर्शन का पालन करें। एक सभ्य समाज एवं राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक है कि सभी अपने बड़े-बुजुर्गों का आदर सम्मान करे।
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