if anyone read story of sabhyata Ka Rahasya of book Premchand kuch Amar kahaniyan
if you have read this story then write a short summary in Hindi
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(कहानी का सारांश)
“सभ्यता का रहस्य”
“सभ्यता का रहस्य” कहानी मुंशी प्रेमचंद’ द्वारा लिखी गयी है। इसमें प्रेमचंद जी ने समाज के पाखंड पर तीखा कटाक्ष किया है। लेखक ने सभ्यता की परिभाषा तय की है। सभ्य कौन है वो नही जो अच्छा आचरण करता है और असभ्य कौन है वो नही नही जो असभ्य आचरण करता है। लेखक ने सभ्यता की परिभाषा समाज के सफेदपोश और पाखंडी लोगों के आचरण के अनुसार तय की है जो समाज में शरीफ और सदाचारी होने का ढोंग करते हैं पर वास्तव में वैसे होते नही। लेखक के अनुसार आज के पाखंडी समाज समाज में सभ्य वही कहलाता है जो अपने गलत कामों पर परदा डालकर उन्हे छुपा पाने में सक्षम होता है, अगर आपकी चोरी पकड़ी जाती है तो आप असभ्य हैं, गंवार हैं।
कहानी के दो मुख्य पात्र हैं राय साहब और उनका नौकर दमडी। राय साहब रईस हैं और सरकार में एक बहुत बड़े अफसर हैं। कहने को तो उन्होंने ईमानदार अफसर की छवि बना रखी है लेकिन वास्तव में वह ईमानदार हैं नहीं। पर्दे के पीछे वह चुपचाप लेन-देन का कार्य करते रहते हैं। उनका नौकर दमड़ी जिसकी 24 घंटे की उनके यहां ड्यूटी थी वह एक रात अपने घर चला जाता है और पूरी रात अपने घर पर ही रुका रह जाता है। इस छोटी सी गलती पर राय साहब उस पर बड़ा सा जुर्माना लगा देते हैं। जबकि वह दिन में अपना पूरा काम करके गया था और केवल रात को ही अपने घर पर ठहर गया था। उनका नौकर बेहद गरीब है जिसे अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है।
दूसरी तरफ राय साहब हैं जिन्होंने अपनी छवि ईमानदार अफसर की बना रखी है। उनके कचहरी में एक मुकदमा आता है। जहां एक शहर का एक रईस किसी खून के इल्जाम में फंस जाता है और राय साहब को जमानत लेने के लिए रईस ने उनको परदे के पीछे बड़ी भारी भरकम रिश्वत देने की पेशकश की। जिसे राय साहब चुपचाप स्वीकार लिया और उसकी जमानत ले ली।
उनके नौकर दमड़ी के पास अपने भूखे बैलों वालों का पेट भरने के लिए चारा नहीं था तो वह अपने गांव के एक खेत में थोड़ा सा चारा काटने लगता है तो पकड़ा जाता है। पुलिस का सिपाही से पकड़ कर राय साहब के सामने पेश करता है वे उसे 6 महीने का दंड देते हैं। जबकि उसकी इतनी बड़ी गलती नहीं थी।
यह सब हमारे समाज में व्याप्त पाखंड को उजागर करता है एक छोटा सा गरीब नौकर मामूली गलती जो कि उसकी मजबूरी और निर्धनता की वजह से हुई थी, बड़ी सजा पाता है और बड़े बड़े बड़े बड़े अफसर जो सरकारी पैसे पर मौज उड़ा रहे हैं और ईमानदारी का ढोंग रच कर पर्दे के पीछे विश्वत लेते रहते हैं और अपने गुनाहों पर पर्दा डाल कर सफेदपोश जिंदगी जीते हैं और खुद को समाज में सभ्य व्यक्ति बताते हैं।
Answer:
सभ्यता का रहस्य का सारांश”
सभ्यता का रहस्य कहानी मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई है इस कहानी में गरीब और अमीर के बीच के संबंध के बारे बताया है | कैसे मालिक अपने नौकर से बर्ताव करता है और लेट आने पर उसे डांट देता है और पैसे भी काट लेता है | गरीब लोग सबसे ज्यादा सभ्य, सांस्कृतिक और धार्मिक होते हैं। अमीर और अफसर लोगों के लिए पैसा रिश्वत और उनकी ड्यूटी ही सर्वोच्च होती है। उन्हें किसी की जान और अहित से कोई परवाह नहीं होती हैं। अमीर और अफसर लोग बुरे-से-बुरा काम करें, लेकिन अगर आप उस पर परदा डाल सकते हैं, तो आप सभ्य हैं, सज्जन हैं, जेन्टिलमैन हैं। अगर आप में यह सिफ़त नहीं तो आप असभ्य हैं, गँवार हैं, बदमाश हैं। यह सभ्यता का रहस्य है !