If I have a magical watch essay in Hindi for Class 4
Answers
sorry galti se
Answer:
Ya raha
Explanation:
जब हम झाड़ू शब्द का इस्तमाल करते है तो बस यही हमारे दिमाग में सबसे पेहले आता है, की झाड़ू लक्ष्मी होती है घर की, जिससे हम घर की गंदगी, बीमारियों, बुरइयो, कलह जैसी चीजों को घर से बाहर कर देते है | ये बड़ी ही कमाल की बात है, और बड़ी ही कमाल की चीज़ अगर झाड़ू जादू की छड़ी जैसे होती जिससे घुमाया और जिन्दगी की सारी ही दिक्कतों और मुश्किलों को दूर कर दिया जाता | अगर मैं अपनी बात करू तो इस झाड़ू का मैं जरुर प्रयोग करना चाहूंगी, मेरी जिन्दगी में मैंने आज तक जितने भी गलत निर्णय लिए है जिनसे मुझे न चाहते हुए भी अपनी जिन्दगी में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ा उसे झाड़ू लगा देना चाहती हु | लोग अक्सर चाहते है की काश मेरी जिन्दगी में कोई रिवाइंड का बटन होता तो मैं भूतकाल में जाकर सब सही कर आती | इसी तरह मैं यह चाहती हु की मेरे पास काश वो जादुई झाड़ू होती जो मेरे जिन्दगी के सारे मेल को झाड देती .. जिन्दगी हर किसी का इम्तिहान लेती है , देखना तो यह होता है की कौन कितना सफल है और कौन कितना असफल मगर अगर हमारे पास भी इसका कोई अच विकल्प निकल आये जहा हम, अपने आप को सुरक्षित रख सके तो इसे अच्छी क्या बात होगी ... याद आते है ऐसे कई पल जिसपे जिन्दगी ने खुद अपनी झाड़ू लगाई है ... अब मैं चाहती हु अपने तरीके से अपनी जिन्दगी को साफ़ करना और रखना ,,, बल्कि समाज को भी एक ऐसी ही झाड़ू की जरुरत है जो सरकारी या निजी बनाये गए अवैध और कई बार बिना मतलब के तोर तरीको पे चला सके और इस देश दुनिया से कुछ अच्छा हासिल कर सके ... अब जभी भी झाड़ू दिमाग में आती है बस लगता है पहले उस विभाग की सफाई कर दू जहा गंदगी की हादें पार है ,, मैं पुलिस विभाग की बात कर रही हु , जहा लोग भरती बाद में होते है ऐठ पहेले आ जाती है ,, अरे भाई आप लोग आम जनता की सुरक्षा के लिए है उन्हें डराने के लिए नही ,,,, तो पहले तो आप लोग अपने दिमाग की सफाई करिए फिर करियेगा दुनिया से गंदगी की सफाई आपको भी मैं एक झाड़ू देना चाहूंगी | अब अगर बात पुलिस विभाग की हो रही हो तो राजनीती को भला पीछे कैसे छोड़ा जा सकता है , बड़े बड़े धुरंधर है यहाँ , थोथा चना बाजे घाना , अब इसके बाद तो बस मेरे पास झाड़ू ही बचती है राजनेताओ को थोफे में देने के लिए | वैसे कुछ अच्छी जगहें भी है जैसे मंदिरों को लेलो इतने अच्छे भक्तिपूर्ण माहौल में जहा पंडितों को लोगो के मन्नो में अच्छी बाते रखनी चाहिए वहा वो लोगो को भक्ति और परमेश्वर के नाम से उन्हें डरा रहे है उन्हें जरुरत है इस शक्तिशाली झाड़ू की जिसे वो अपने दिमाग पे चलये और लोगो को सही राह दिखाए |अगर बात झाड़ू की हो रही है तो माफ़ करना मुन्सिपलटी को तो मैं नही भूल सकती वैसे मानो या न मानो असल मायने में तो झाड़ू की सबसे जादा जरूरत मुझे तो लगता है मुंसीपालटी को ही है, अरे जरा शहर की साफ़ सुंदर गललियों को छोड़ कभी उसी शहर के गली कुचों में भी जाओ उधर मेलेगा आपको असली शहर जो आपकी उसी झाड़ू का इंतज़ार न जाने कितने सालो से कर रहा है, अब और देर नही करनी चाहिए वरना, बस वह जाने की देरी है फिर न पता की कितनी ही और भी झाड़ू आपकी स्वागत में वह आपका इंतज़ार न कर रही हो, कितनी ही कमाल की चीज़ है ये झाड़ू काम अच्छा हो या बुरा दोनों ही काम को क्या बखूब निभाती है ,,, काश मेरे पास भी होती ऐसी जादुई झाड़ू