If I was a pen essay in Hindi in 100 words
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पेन अथवा कलम लेखन कार्य के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है।समय के साथ साथ कलम के स्वरूप में बहुत से बदलाव आए हैं। प्राचीन काल में किसी नुकीली वस्तु को लिखने के लिए प्रयोग किया जाता था जिसमें बाद में काला पाउडर भर दिया जाता था ताकि अक्षरों को उभारा जा सके। आज से लगभग 1500 साल पहले पक्षियों के पंखों को स्याही में डूबोकर कलम के रूप में प्रयोग किया जाने लगा पर उनसे लिखना इतना सरल नहीं था। इस मुश्किल का हल निकालने के लिए 1827 में पैट्रिच पोनियारू के द्वारा फाउंटेन पैन का आविष्कार किया गया था लेकिन उसकी स्याही सूखने में बहुत ही समय लेती थी। उसके बाद 1888 में आविष्कार हुआ हमारे आधुनिक बॉलपेन का जिसका श्रेय जॉन जे लाउड को जाता है।
मैं एक कलम हूं। लोग मुझे पेन (Pen) कहकर भी पुकारते हैं। सदियों से मेरा इस्तेमाल ज्ञान के संग्रहण (recording) के लिए होता रहा है। ज्ञानवर्धक बातों को मैंने भिन्न-भिन्न स्थानों पर लिखा है। आजकल लोग मेरा अधिकतर इस्तेमाल कागज पर लिखने के लिए करते हैं।
बच्चे मुझे विशेष रूप से पसंद करते हैं। मेरी मदद से ही वे लिखना सीखते हैं। मेरा महत्व उस समय याद आता है जब कोई व्यक्ति बिना कलम लिए ही बैंक बहुत चाहता है। वहां पर पैसे निकालने के लिए जब उसे फॉर्म भरना होता है तो उसे याद आता है कि वह कलम तो घर पर ही भूल गया है। फिर वह दूसरे लोगों से कलम देने की रिक्वेस्ट करता है।मेरा इस्तेमाल स्कूल, कॉलेज, दफ्तर, दुकानों जैसे सभी जगहों पर होता है। स्कूल में बच्चे पढ़ने के लिए मेरा इस्तेमाल करते हैं। टीचर बच्चों की कॉपियां चेक करने के लिए मेरा इस्तेमाल करते हैं। दफ्तर में कर्मचारी अपना काम करने के लिए मेरा इस्तेमाल करते हैं।दुकानों में दुकानदार मेरा इस्तेमाल अपना हिसाब-किताब रखने में करता है। पत्रकार मुझे विशेष रूप से पसंद करते हैं। वह मेरी मदद से नई खबरों को लिखते हैं और फिर उसे समाचार पत्र में प्रकाशित करते हैं। मैं पत्रकारों की हमेशा से विशेष पसंद रहा हूं।
मेरा मूल्य सस्ता रहता है, लेकिन मैं बड़े काम की चीज हूं। मेरे बिना सारे काम रुक जाते हैं। जब तक कोई व्यक्ति मेरा इस्तेमाल करके किसी कागज पर अपने हस्ताक्षर नहीं करता है, तब तक उस कागज का कोई मूल्य नहीं होता है। इस तरह मेरा महत्व बहुत अधिक है।आपने वह अंग्रेजी “a pen is mightier than a sword” कहावत तो सुनी होगी। यह बिल्कुल सच है। जो काम ताकत से नहीं हो सकता है, वह बुद्धि से हो सकता है। मेरी मदद से बहुत से युद्ध टल गए। यदि मैं ना होता तो मनुष्य युद्ध में लिप्त होकर एक दूसरे को मारता रहता।
मेरा सबसे अधिक इस्तेमाल शिक्षा के प्रसार के लिए होता है। मेरी मदद से छोटे बच्चे पढ़ना सीखते हैं। मेरी मदद से ही हर साल हजारों नई किताबे प्रकाशित की जाती हैं, जो बच्चों के पढ़ने के काम आती हैं। इस तरह मैं शिक्षा का प्रसार करता हूं। आज किसी भी विषय पर हजारों की संख्या में किताबे उपलब्ध है। मेरा मुख्य काम ज्ञान को पन्नों में दर्ज करना है।
मैं विकास की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरा हूं। प्राचीन काल में मैं लकड़ी का बना होता था। लोग मुझे स्याही में डुबोकर लिखने का काम करते थे। फिर स्याही भरने वाले पेन Fountain Pen का आविष्कार हुआ, और बच्चों ने मेरा खूब इस्तेमाल किया। फिर रिफिल वाले कलम (Ball point Pen) बाजार में आ गये। आजकल “Ball point Pen” का ज्यादा प्रचलन है।