ii) चाणक्य कौन थे? उन्हें बालक के किस गुण
किया?
in ch बालक चंदगुपत
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आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है. चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार आचार्य चाणक्य के बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. अर्थशास्त्र के कुशाग्र होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है.
आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रन्थ में बताया है कि आखिर किन लोगों पर माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती हो. उन्होंने लिखा है कि आखिर मनुष्य के किस गुण पर माँ लक्ष्मी हमेशा प्रसन्न रहती हैं और लोगों का जीवन धन और धान्य से बहरपुर रहता है. आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए बताया है कि मनुष्य में ऐसे कौन से गुण होने चाहिए की उस पर माँ लक्ष्मी की कृपा बरसती रहे. कहते हैं कि जो लोग हमेशा धन की बचत करते हैं और उसका सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं. बेवजह धन खर्च नहीं करते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं. ऐसे लोगों को परेशानियों का सामना कम करना पड़ता है. चाणक्य के अनुसार, बुरे समय का साथी धन होता है। इसलिए इसका उपयोग सही तरीके से करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में बताया है कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति के अंदर कुछ गुणों का जरूरी है. चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति अपने कार्यों को समय पर पूरा कर लेते हैं. आलस्य को त्याग देने वाले लोगों पर मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं. आलस में रहने वाले लोगों को अक्सर धन संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
नीति शास्त्र के अनुसार, कठिन परिश्रम करने वालों पर मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं. ऐसे लोगों को आर्थिक दिक्कतों का कम सामना करना पड़ता है. मेहनत से धन कमाने वाले लोगों के घरों में सुख-शांति बनी रहती है. वहीं जो लोग गलत रास्ते पर चलकर धन कमाते हैं, ऐसे लोगों के जीवन में खुशियां कम समय के लिए रहती हैं.