ई) नीचे दिया गया लोकगीत पढकर प्रश्नों के उत्तर दीजिए|
चालत मुसाफिर मोह लिया रे पिजड़े वाली मुनिया|
उड़-उड़ बैठी हलवैया दुकनिया
बर्फी के सब रस ले लिया रे पिजड़े वाली मुनिया|
कपड़ा के सब रस ले लिया रे पिजड़े वाली मुनिया|
उड़-उड़ बैठे पनवडीया दुकनिया
बीड़ा के सब रस ले लिए रे पिजड़े वाली मुनिया| ---शैलेंद्र कुमार
1. चिड़िया(मुनिया) हलवे की दूकान पर किसका रस लेती है?
2. चिड़िया(मुनिया) हलवे की दूकान के बाद किस दूकान पर जाति है?
0.03. चिड़िया(मुनिया) पान की दूकान पर किसका रस लेती है?
4. इस गीत का मूल भाव क्या है?
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 5
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प्रस्तुत प्रश्न लोकगीत नामक प्रबंध से दिया गया हैं|यह निबंध हिंदी साहित्य के सुपरिचित रचनाकार भगवत शरण उपाध्याय हैं|इनका जन्म १९१० में हुआ|इन्होने कविता,लेखनीआदि विधानों में रचना की हैं|हिंदी साहित्य की रूप रेखा,कालिदास का भारत,गंगा,गोदावरी आदि इनके प्रसिद्ध रचनाएँ हैं|लोकगीत निबंध पाठ हैं|निबंध का अर्थ हैं बांधना| लोकगीत और हमारी जीवन विधान का अनोखा सम्बंध है|
1 बर्फी का सब रस
2 पनवडिया की दूकान
3 बीड़ा के सब रस
4 मूल भाव यह है की पक्षी जहा भी जाती वहाँ से कुचना कुछ ले रही हैं|अर्थात मानव को भी आस पड़ोस से कुछ न कुछ सीखते आगे बढ़ना चाहिए
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