Hindi, asked by priyasingh20052001, 6 months ago

(ii) प्रतिवेदन की महत्वपूर्ण विशेषताऐं क्या है ? लिखिए-
(1+1
6. सत्य/असत्य लिखिए-
शब्द कोश शब्दों का भण्डार है।
(i) हिन्दी शब्द कोश में हिन्दी वर्णमाला का अनुसरण किया जाता है।
(iii) हिन्दी शब्द कोश में संयुक्त व्यंजन सबसे अंत में आते हैं।
(iv) विश्व कोश के अंतर्गत ज्ञान की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं की जानकारी दी जाती
(v) एक साहित्यकार द्वारा अपने साहित्य में प्रयुक्त संपूर्ण शब्दों का कोश व्यक्ति को
7.6) जन संचार से आप क्या समझते हैं ?
(ii) जन संचार की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए
खण्ड-"ग"
18. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"निभाता रही पतोह​

Answers

Answered by ayushisagar1000
0

Answer:

Ans 1

प्रतिवेदन के निम्नलिखित विशेषताएँ हैं -

(1) प्रतिवेदन में किसी घटना या प्रसंग की मुख्य-मुख्य बातें लिखी जाती हैं।

(2) प्रतिवेदन में बातें एक क्रम में लिखी जाती हैं। सारी बातें सिलसिलेवार लिखी होती हैं।

(3) प्रतिवेदन संक्षेप में लिखा जाता है। बातें विस्तार में नहीं, संक्षेप में लिखी जाती हैं।

(4) प्रतिवेदन ऐसा हो, जिसकी सारी बातें सरल और स्पष्ट हों; उनको समझने में सिरदर्द न हो। उनका एक ही अर्थ और निष्कर्ष हो। स्पष्टता एक अच्छे प्रतिवेदन की बड़ी विशेषता होती है।

(5) प्रतिवेदन सच्ची बातों का विवरण होता है। इसमें पक्षपात, कल्पना और भावना के लिए स्थान नहीं है।

(6) प्रतिवेदन में लेखक या प्रतिवेदक की प्रतिक्रिया या धारणा व्यक्त नहीं की जाती। उसमें ऐसी कोई बात न कही जाय, जिससे भम्र पैदा हो।

(7) प्रतिवेदन की भाषा साहित्यिक नहीं होती। यह सरल और रोचक होती है।

(8) प्रतिवेदन किसी घटना या विषय की साफ और सजीव तस्वीर सुनने या पढ़नेवाले के मन पर खींच देता है।

Ans. 2

लोकसम्पर्क या जनसम्पर्क या जनसंचार (Mass communication) से तात्पर्य उन सभी साधनों के अध्ययन एवं विश्लेषण से है जो एक साथ बहुत बड़ी जनसंख्या के साथ संचार सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक होते हैं। संचार माध्यम में संचार शब्द की उत्पति संस्कृत के 'चर' धातु से हुई है जिसका अर्थ है चलना।

जनसंचार की विशेषताएँ

1. जनसंचार में फ़ीडबैक तुरंत नहीं प्राप्त होता है। जनसंचार के श्रोताओं, पाठकों और दर्शकों का दायरा बहुत व्यापक होता है। साथ ही उनका गठन भी बहुत पंचमेल होता है। जैसे किसी टेलीविज़न चैनल के दर्शकों में अमीर वर्ग भी हो सकता है और गरीब वर्ग भी, शहरी भी और ग्रामीण भी, पुरुष भी और महिला भी, युवा तथा वृद्ध भी। लेकिन सभी एक ही समय टी.वी. पर अपनी पसंद का कार्यक्रम देख रहे हो सकते हैं।

2. इसी से जुड़ी जनसंचार की एक प्रमुख विशेषता यह है कि जनसंचार माध्यमों के ज़रिये प्रकाशित या प्रसारित संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है। इसका अर्थ यह हुआ कि अंतरवैयक्तिक या समूह संचार की तुलना में जनसंचार के संदेश सबके लिए होते हैं।

3.जनसंचार संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता है। प्राप्तकर्ता यानी पाठक, श्रोता और दर्शक संचारक को उसकी सार्वजनिक भूमिका के कारण पहचानता है।

4. संचार के अन्य रूपों की तुलना में जनसंचार के लिए एक औपचारिक संगठन की भी ज़रूरत पड़ती है। औपचारिक संगठन के बिना जनसंचार माध्यमों को चलाना मुश्किल है। जैसे समाचारपत्र किसी न किसी संगठन से प्रकाशित होता है या रेडियो का प्रसारण किसी रेडियो संगठन की ओर से किया जाता है।

5. जनसंचार माध्यमों में ढेर सारे द्वारपाल (गेटकीपर) काम करते हैं। द्वारपाल वह व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह है जो जनसंचार माध्यमों से प्रकाशित या प्रसारित होने वाली सामग्री को नियंत्रित और निर्धारित करता है। किसी जनसंचार माध्यम में काम करने वाले द्वारपाल ही तय करते हैं कि वहाँ किस तरह की सामग्री प्रकाशित या प्रसारित की जाएगी।

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