(ii) स्टेशन के बाहर कैसी चहल-पहल थी?
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रेलवे स्टेशनों पर शुरू हुई चहल पहल
4 वर्ष पहले
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हमीराके नजदीक रानीखेत एक्सप्रेस का हादसा हो जाने से दो दिन तक ट्रैक बाधित रहा और रविवार की रात ट्रैक सुचारू हो गया। इस बीच दो दिन तक रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा रहा और जैसलमेर से एक भी ट्रेन संचालित नहीं हुई। केवल रविवार रात पहली ट्रेन के रूप में शाही रेल जैसलमेर से जोधपुर के लिए रवाना हुई। सोमवार सुबह सबसे पहले लीलण एक्सप्रेस जैसलमेर पहुंची। उसके बाद नियमिति आने वाली सभी ट्रेनों का संचालन हुआ। जैसलमेर से रवाना होने वाली भी सभी ट्रेनें निर्धारित समय पर रवाना हुई।
रेल यातायात बाधित होने के बाद वापिस सुचारू हो जाने पर सोमवार को रेलवे स्टेशन पर चहल पहल बढ़ गई। सुबह से लेकर शाम तक रेलवे स्टेशन पर अच्छी खासी भीड़ रही। खासतौर पर सैलानियों को काफी राहत मिली। दो दिन तक कई सैलानियों को जैसलमेर में ट्रेन संचालित नहीं होने से रुकना पड़ा था। कई तो बसों के माध्यम से चले गए तो कई ट्रेन का इंतजार करते रहे जिन्हें सोमवार को यहां से ट्रेन कनेक्टिविटी मिल गई।
जैसलमेर. सोमवार को जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर पहुंची ट्रेन।
पोकरण | जैसलमेरमें हमीरा गांव के पास रानीखेत एक्सप्रेस पटरी से नीचे उतरने के कारण पोकरण रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का आवागमन एकबार से पूरी तरह ठप हो गया। जिसके कारण पोकरण की जनता को मजबूरी में बसों में सफर करना पड़ा। लेकिन सोमवार को पहली ट्रेन इंटरसिटी आने के कारण एकबार फिर से रेलवे स्टेशन पर भीड़ और चहल पहल दिखाई दी। जिसके कारण स्थानीय लोगों के साथ साथ दुकानदारों ने भी राहत की सांस ली।
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अररिया। सीमांचल एक्सप्रेस के हादसे के बावजूद रविवार की संध्या को जोगबनी और फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन की तरह भीड़ रही। अधिकांश लोगों को वे¨टग टिकट कंफर्म नहीं हुआ। जनरल बोगी में कल के अपेक्षा कम भीड़ थी लेकिन एसी और आरक्षित सीट फुल रही। फारबिसगंज रेलवे स्टेशन फारबिसगंज शहर के वार्ड 10 के निवासी गणेश गुप्ता सपरिवार सीमांचल में यात्रा करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि हादसे कभी-कभी होते हैं। यह, हम अपने घर में रहेंगे तब हो जाएगा। यही हाल जोगबनी रेलवे स्टेशन का भी रहा। सीमाचल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त के बाद रविवार की संघ्या को जोगबनी से12487 डाउन सीमाचल एक्सप्रेस अपने नियत समय से खुली। अन्य दिनों की तरह स्टेशन पर भीड़भाड़ थी। यात्रियों से स्लीपर और एसी खचाखच भरी थी। यहां तक की तत्काल वे¨टग टिकट भी कंफर्म नहीं हो पाया लेकिन जेनरल बॉगी में प्रतिदिन से कम भीड़ थी।कल जहां जेनरल में 450टिकट कटे थे, वहीं आज मात्र सौ टिकट ही कटा। इस संबंध में बु¨कग लिपिक ने बताया कि सीमांचल के दुर्घटनाग्रस्त होने का असर जनरल क्लास में देखा जा रहा है।