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उत्साह कविता में नवजीवन वाले किसे कहा गया है और क्यों?
पागनीसंदरता से क्यों नहीं हट रही
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उत्साह कविता में नवजीवन वाले किसे कहा गया है और क्यों? पागनीसंदरता से क्यों नहीं हट रही
उत्साह’ कविता में कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ में जीवन में सकारात्मक को अपनाने का संदेश दिया है।
उत्साह कविता में नवजीवन वाले बादलों के साथ नवजीवन वाले इसलिए कहा गया क्योंकि वर्षा होने से मुरझाई हुई धरती फिर से जाग जाएगी| बादल अपने पानी से धरती को नया जीवन देते है| वह धरती को उपजाऊ बना देते है और गर्मी से राहत देते है| कवि को भी नवजीवन इसलिए कहा गया क्योंकि वह उत्साह का संचार के सोए हुए लोगों को जगाना चाहता है| उन में नई उमंगे भरना चाहता है|
किसी कार्य की पूर्ति के लिए शरीर में ऊर्जा के संचार हेतु उत्साह होना आवश्यक है। उत्साह कविता में कवि ने बादलों के माध्यम से यही संदेश देने का प्रयत्न किया है। बादल उत्साह और ऊर्जा एवं उमंग का प्रतीक है वह घोर गर्जना करते हैं और बरसते हैं जिससे मन में उत्साह का भाव का संचार होता है।
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Utsav kavita ke madhyam se kavi ne kya sandesh diya h
Answer:
नवजीवन वाले. विशेषण दो शब्दों के साथ लगा हैं-बादलों के साथ तथा कवि के साथ । बादलों को नवजीवन वाले इसलिए कहा गया है क्योकि वे वर्षा करके मुरझाई-सी धरती में नया जीवन फूंक देते हैं। वे धरती को उपजाऊ बना देते हैं और गर्मी से मुक्ति दिलाते हैं।
फागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुश्बू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।