Hindi, asked by binglebem12, 2 months ago

iii) 'बूढी पृथ्वी का दुख' कविता का मुख्य संदेश क्या है?
(iv) कबीरदास ने निंदक व्यक्ति को अपने अंग-संग रखने से क्या लाभ बताया है ?
(v) आह्वान' कविता में विविध सुमनों से एक माला बन सकने' के कथन से कवि व
संदेश देना चाहता है?
(vi) 'आजादी' कविता के अनुसार कवि के लिए आजादी का क्या अर्थ है ?
निम्नलिखित काव्यांश किस पाठ से लिया गया है? इसके कवि के नाम का उल्लेख
हुए काव्यांश का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।
जो नहीं हो सके पूर्ण-काम
मैं उनको करता हूँ प्रणाम
कुछ कुंठित औ कुछ लक्ष्य-भ्रष्ट
जिनके अभिमंत्रित तीर हुए;
रण की समाप्ति के पहले ही
जो वीर रिक्त तूणीर हुए !
अथवा
खगकुल कुल-कुल-सा बोल रहा
किसलय का अंचल डोल रहा​

Answers

Answered by jogikul
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Answer:

3 ... कवयित्री ने पेड़ के अंगों में मानव-अंगों की कल्पना की है। कविता में की गयी कल्पना हमें दूसरों के दुख से जोड़ती है, हमें दूसरों से समानुभूति रखना सिखाती है और अधिक संवेदनशील बनाती है।

4. कबीर के अनुसार निंदक को सदा अपने समीप रखना चाहिए क्योंकि उसके द्वारा निन्दा होने के भय से हम कोई बुरा कार्य नहीं करेंगे। निंदकों की निंदा-भरी बाते सुन-सुनकर हमें आत्मसुधार करने का मौका मिलेगा।

5.कविता से किया आह्वान, भारत के सपूतों को भारत माता पुकारती है

काव्य निशा बाबूलाल ठाकुर, मप्र अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष रामगोपाल सेन, नगर परिषद अध्यक्ष शैलेष कुमार वैद्य, उपाध्यक्ष शिवम सोनी, प्राचार्य डीसी बाहेती, बाबूलाल पटेल

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