Math, asked by aanya0909, 4 hours ago

ईश्वर और भक्त के अटूट संबंध को व्यक्त करने
के लिए 'प्रभ जी, तुम चंदन हम पानी' पंक्ति की
सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। (question from chapter raidas ke pad) PLease tell ill mark brainliest for sure! ​

Answers

Answered by amitkumarchaturvedi9
3

Answer:

प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अँग-अँग बास समानी। प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा। प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती। ... जैसे चंदन की सुगंध पानी के बूँद-बूँद में समा जाती है वैसे ही प्रभु की भक्ति भक्त के अंग-अंग में समा जाती है।

Step-by-step explanation:

hope u like it

Answered by kiranthakur3518
0

Step-by-step explanation:

I didn't know can you tell me

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