Hindi, asked by cid3456, 4 months ago

ईश्वर सब द्वार एक साथ बंद नहीं करता है। र्दद एक द्वार बंद भी करता ह ै तो दसू रा द्वार खोल भी दते ा ह ै
" भावाथय तपष्ट करें

Answers

Answered by Anonymous
2

Answer:

एक लोक कथा के अनुसार पुराने समय में एक सेठ को रात में नींद नहीं आ रही थी। उसके पास बहुत धन था, घर-परिवार सुखी था, लेकिन उस रात वह बेचैन था। उस समय घर में वह अकेला था, पूरा परिवार अन्य रिश्तेदारों के यहां गया हुआ था। रात के ढाई बज चुके थे, लेकिन उसका मन शांत नहीं हो रहा था। सेठ ने सोचा कि घर के पास स्थित मंदिर तक घूम आता हूं। शायद भगवान के दर्शन से मन शांत हो जाए।

कुछ ही देर में वह मंदिर तक पहुंच गया। जब सेठ मंदिर के अंदर पहुंचा तो उसने देखा कि एक बूढ़ा आदमी भगवान के सामने बैठकर रो रहा है। सेठ उसके पास गया और उससे पूछा कि बाबा आप कौन हो और रो क्यों रहे हो? बूढ़े आदमी ने कहा कि सेठजी मैं बहुत गरीब इंसान हूं। मेरी पत्नी बीमार है और अस्पताल में भर्ती है। उसके इलाज के लिए मेरे पास पैसा नहीं है। अगर डॉक्टर को पैसा नहीं दिया तो वह मेरी पत्नी का ऑपरेशन नहीं करेगा। समझ नहीं आ रहा है पैसों की व्यवस्था कैसे होगी।

सेठ ने कहा कि चिंता मत करो तुम्हारी पत्नी का इलाज मैं करवा दूंगा। सेठ ने तुरंत ही अपनी जेब से सारे पैसे निकालकर उस बूढ़े व्यक्ति को दे दिए। पैसा देखकर वह आदमी खुश हो गया और सेठ को धन्यवाद देने लगा। सेठ ने कहा कि अभी मेरे पास इतने ही पैसे हैं, अगर तुम्हें और जरूरत हो तो मेरा घर पास ही है, तुम वहां चलो। बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि नहीं सेठजी इतने पैसों में काम हो जाएगा। आज आपकी वजह से मेरी पत्नी का इलाज हो जाएगा। पैसा लेकर वह व्यक्ति तुरंत ही मंदिर से चला गया।

जरूरतमंद की मदद करने के बाद सेठ का मन अब शांत हो गया था। उसने भगवान को प्रणाम किया और सोचने लगा कि शायद इसी वजह से मैं सो नहीं पा रहा था। भगवान को मेरे माध्यम से इस गरीब की मदद करवानी थी। घर आकर चैन की नींद सो गया।

कथा की सीख : इस छोटी सी कथा की सीख यह है कि जो लोग भगवान पर भरोसा करते हैं, उनकी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।

Similar questions