Hindi, asked by akashkumarshah903313, 7 months ago

imaandar lakadhara ki Kahani


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Answered by muskan474941
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Answer:

एक बार की बात है। किसी गाव में एक लकड़हारा रहता था।वह बहुत ही ईमानदार था। वह दिन भर लकडिया काटता और उन्हें दिन के अंत में बाजार लेजाकर बेच देता। वह बस इतना कमाता जितने में वह अपना और अपने परिवार का पेट भर पाता।

एक दिन जब वह जगल में एक तलाब के पास से पेड़ काट रहा था। तभी उसका कुल्हाड़ी उस तलाब में गिर गया। वह बहुत ही उदास हुआ। वह उस तलाब के पास बैठ कर रोने लगा।

तभी उसके सामने एक सफ़ेद उजाला हुआ और एक परी उसके सामने आकर खड़ा हुई।उस परी ने लकड़हारे के रोने का वजह पूछी।

उस लकड़हारे ने सारी बाते बताया। उस परी ने कहा बस इतने के लिए रो रहे हो, थोडा सा समय मुझे दो मै तुम्हारा कुलहाड़ी तलाब में से ऊपर लाती हु।

यह कहकर वह परी एक सफ़ेद रोशनी में गायब हो गई। कुछ देर बाद वह परी फिर आई और अपने हाथ में एक कुलहाड़ी लेकर आई जो की सोनी की थी।

परी ने कहा, “लो अपनी यह कुलहाड़ी”।

उस लकड़हारे ने कहा, “मुझे माफ़ करे पर यह कुलहाड़ी मेरी नही है”।

फिर से वह परी गायब हो गई।कुछ देर बाद वह फिर से एक कुलहाड़ी लेकर आई। यह कुल्हाड़ी चादी की थी।

फिर से उस कुल्हाड़ी ने साफ मना कर दिया की यह कुल्हाड़ी मेरी नही है।

फिर से वह परी तलाब कुल्हाड़ी खोजने लगी। कुछ देर बाद उस परी ने एक और कुल्हाड़ी लेकर आई। जोकि लोहे की बनी थी।

इस बार उस लकड़हारे ने खुश होकर कहा, “हा… हां.. यह मेरा कुल्हाड़ी ही है”।

लकड़हारा अपनी कुल्हाड़ी लेकर बहुत खुश हुआ और खुशी खुशी अपने घर को चल दिया। तब उस तलाब की परी ने उसे रोका और कहा, मैंने तुम्हारे बारे सुना था की तुम बहुत ही ईमानदार हो और मैंने आज देख भी लिया।

आज मै तुम्हारी इस ईमानदारी का इनाम दे रही हु। यह लो तीन कुल्हाड़ी जो की एक सोने से बनी है, दूसरी चादी से बनी है और तीसरी ताबे से बनी है। यह सब कुल्हाड़ी अब तुम्हारी है।

यह सुनकर लकड़हारा बहुत ही खुश हुआ।उसने परी का तहे दिल से सुकरिया किया और अपने घर चल दिया।

ईमानदार लकड़हारे की कहानी से ज्ञान

कहानी की सिख- हमें हमेशा सच का रास्ता चुनना चाहिए।

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