importance of may day in hindi
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मई दिवस, 1 मई को होता है और कई सार्वजनिक अवकाशों को संदर्भित करता है।[1] कई देशों में मई दिवस, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, या श्रम दिवस का पर्यायवाची है, तथा राजनीतिक प्रदर्शनों और यूनियनों व समाजवादी समूहों द्वारा आयोजित समारोह का एक दिन.मई दिवस मनाने की नींव '8 घंटे काम' आंदोलन से पड़ी थी। हिंदी में इस दिन को कामगर दिवस के तौर पर भी जाना जाता है। भारत में यह दिन पहली बार एक मई 1923 को मनाया गया था।दुनियाभर में एक मई के दिन को अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस के तौर पर मनाया जाता है। दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत में भी इस दिन को मनाते हैं। जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि यह दिन दुनिया के मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों को समर्पित है लेकिन इस दिन का क्या खास महत्व है यह आप इन पांच विंदुओं की मदद से समझ सकते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत एक मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन से हुई थी। इस आंदोलन के दौरान अमेरिका में मजदूर काम करने के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किए जाने को लेकर आंदाेलन पर चले गए थे। इसी के साथ भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में काम के लिए 8 घंटे निर्धारित करने की नींव पड़ी।मई दिवस दुनिया के मजदूरों को समर्पित है और यह दुनिया में मजदूरों के अनुकूल माहौल बनाए जाने के लिए प्रेरित करता है। ‘8 घंटे काम’ जैसे आंदोलन से पहले दुनिया में मजदूरों की दुर्दशा थी। मजदूरों के मरने और घायल होने की घटनाएं बेहद आम थीं।भारत में पहली बार मई दिवस एक मई 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। इस दिन का चुनाव राष्ट्र निर्माण में लगे पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करने के लिए किया गया था। कई मजदूर संगठन ‘मई दिवस’ के दिन मजदूरों के अधिकारों की आवाज बुलंद करते हैं।संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाली अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संस्था दुनियाभर में लेवर क्लास के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में काम करती है। एक मई को यह संस्था दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रैली और मार्च निकालने का काम करती है। ताकि मजदूर उत्पीड़न, न्यूनतम मजदूरी कानून और अप्रवासी मजदूरों को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके।‘लेवर डे’ को हिंदी में ‘कामगर दिवस’ के तौर पर जाना जाता है। भारत में इस दिन सार्वजनिक छुट्टी घोषित की जाती है। इस दिन स्कूल, ऑफिस, स्टॉक मार्केट जैसी जगहों की छुट्टी होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत एक मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन से हुई थी। इस आंदोलन के दौरान अमेरिका में मजदूर काम करने के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किए जाने को लेकर आंदाेलन पर चले गए थे। इसी के साथ भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में काम के लिए 8 घंटे निर्धारित करने की नींव पड़ी।मई दिवस दुनिया के मजदूरों को समर्पित है और यह दुनिया में मजदूरों के अनुकूल माहौल बनाए जाने के लिए प्रेरित करता है। ‘8 घंटे काम’ जैसे आंदोलन से पहले दुनिया में मजदूरों की दुर्दशा थी। मजदूरों के मरने और घायल होने की घटनाएं बेहद आम थीं।भारत में पहली बार मई दिवस एक मई 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। इस दिन का चुनाव राष्ट्र निर्माण में लगे पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करने के लिए किया गया था। कई मजदूर संगठन ‘मई दिवस’ के दिन मजदूरों के अधिकारों की आवाज बुलंद करते हैं।संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाली अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संस्था दुनियाभर में लेवर क्लास के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में काम करती है। एक मई को यह संस्था दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रैली और मार्च निकालने का काम करती है। ताकि मजदूर उत्पीड़न, न्यूनतम मजदूरी कानून और अप्रवासी मजदूरों को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके।‘लेवर डे’ को हिंदी में ‘कामगर दिवस’ के तौर पर जाना जाता है। भारत में इस दिन सार्वजनिक छुट्टी घोषित की जाती है। इस दिन स्कूल, ऑफिस, स्टॉक मार्केट जैसी जगहों की छुट्टी होती है।
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दिवस मनाने की नींव '8 घंटे काम' आंदोलन से पड़ी थी। हिंदी में इस दिन को कामगर दिवस के तौर पर भी जाना जाता है। भारत में यह दिन पहली बार एक मई 1923 को मनाया गया था।
मजदूर दिवस
दुनियाभर में एक मई के दिन को अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस के तौर पर मनाया जाता है। दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत में भी इस दिन को मनाते हैं। जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि यह दिन दुनिया के मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों को समर्पित है लेकिन इस दिन का क्या खास महत्व है यह आप इन पांच विंदुओं की मदद से समझ सकते हैं।
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दिवस मनाने की नींव '8 घंटे काम' आंदोलन से पड़ी थी। हिंदी में इस दिन को कामगर दिवस के तौर पर भी जाना जाता है। भारत में यह दिन पहली बार एक मई 1923 को मनाया गया था।
मजदूर दिवस
दुनियाभर में एक मई के दिन को अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस के तौर पर मनाया जाता है। दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत में भी इस दिन को मनाते हैं। जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि यह दिन दुनिया के मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों को समर्पित है लेकिन इस दिन का क्या खास महत्व है यह आप इन पांच विंदुओं की मदद से समझ सकते हैं।
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