Hindi, asked by dr12373, 1 year ago

importance of post man in hindi

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Answered by PrinceAkash1st
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डाकिया एक बहुत ही उपयोगी व्यक्ति है और वह बड़ा ही परिश्रमशील व्यक्ति है । उसका काम पत्रों, पार्सलों, मनीऑर्डरों को लोगों तक पहुँचाना है । वह खार्की वर्दी पहनता है और खाकी टोपी पहनता है । वह सदैव अपने साथ चमड़े का थैला रखता है जिसे वह अपने कंधे पर लटकाये रखता है ।

इसी थैले में कैश और पत्र होते हैं जिसको उसे वितरित करना होता है । सर्वप्रथम डाकघर में वह पत्रों का क्षेत्रवार चयन करता है तथा क्षेत्रानुसार पत्रों को अपने थैले में रखता है और वह साइकिल उठाकर अपना कर्त्तव्य निभाने के लिए चल देता है ।

डाकिये का कार्य बड़ा कठिन तथा थका देने वाला होता है । एक क्षेत्र से दूसरे में एक मुहल्ले से दूसरे मुहल्ले में, एक गली से दूसरी गली में तथा एक घर से दूसरे घर तक पत्रों को उसे पहुँचाना होता है । धीरे – धीरे हर क्षेत्र, हर मुहल्ला, हर घर उसकी याद में समा जाता है ।

लोग उसकी प्रतीक्षा व्याकुल होकर करते हैं । कुछ को वो सुखद समाचार लाकर देता है तो कुछ को वह दु:खद समाचार । वह रोजाना काम करता है । गर्मी, बरसात या सर्दी हो उसे तो अपना कर्त्तव्य पूरा करना है ।

आशा करता हूं कि आप के लिए उपयोगी होगा।

PrinceAkash1st: yaa tell me
PrinceAkash1st: hey! I'm not a girl dear I'm boy
PrinceAkash1st: hiii
PrinceAkash1st: bro
PrinceAkash1st: hru
PrinceAkash1st: me also f9
Answered by AlfaSATAN
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डाकिया एक बहुत ही उपयोगी व्यक्ति है और वह बड़ा ही परिश्रमशील व्यक्ति है । उसका काम पत्रों, पार्सलों, मनीऑर्डरों को लोगों तक पहुँचाना है । वह खार्की वर्दी पहनता है और खाकी टोपी पहनता है । वह सदैव अपने साथ चमड़े का थैला रखता है जिसे वह अपने कंधे पर लटकाये रखता है ।

इसी थैले में कैश और पत्र होते हैं जिसको उसे वितरित करना होता है । सर्वप्रथम डाकघर में वह पत्रों का क्षेत्रवार चयन करता है तथा क्षेत्रानुसार पत्रों को अपने थैले में रखता है और वह साइकिल उठाकर अपना कर्त्तव्य निभाने के लिए चल देता है ।

डाकिये का कार्य बड़ा कठिन तथा थका देने वाला होता है । एक क्षेत्र से दूसरे में एक मुहल्ले से दूसरे मुहल्ले में, एक गली से दूसरी गली में तथा एक घर से दूसरे घर तक पत्रों को उसे पहुँचाना होता है । धीरे – धीरे हर क्षेत्र, हर मुहल्ला, हर घर उसकी याद में समा जाता है ।

लोग उसकी प्रतीक्षा व्याकुल होकर करते हैं । कुछ को वो सुखद समाचार लाकर देता है तो कुछ को वह दु:खद समाचार । वह रोजाना काम करता है । गर्मी, बरसात या सर्दी हो उसे तो अपना कर्त्तव्य पूरा करना है ।

यद्यपि डाकिये का कार्य कठिन और थकाऊ होता है फिर भी उसका वेतन लगभग कम होता है । उसका वेतन लगभग 2000 रु. के लगभग होता है आवश्यकतानुसार बहुत कम । वह अपना दो वक़्त का खर्च भी बड़ी मुश्किल से कर पाता है । जब वह सुखद समाचार लता है तो लोग खुशी में उसे कुछ पैसे भी देते हैं ।

त्यौहारों पर जैसे – होली, दिवाली, ईद पर लोग उसको कुछ पैसे अवश्य देते हैं । जब वह रिटायर होता है तो उसको बहुत मामूली मामूली पेंशन मिलती है । संचार मंत्रालय को चाहिए कि वे एक परम्परागत महत्त्वपूर्ण संचार वाहक की तरफ ध्यान दें । यद्यपि सरकार ने कुछ कदम उसकी परिस्थिति को सुधारने के लिए उठाये हैं किन्तु वे पर्याप्त नहीं हैं ।

डाकिये को विनम्र होना चाहिए । हमें भी उसके प्रति दयापूर्ण व्यवहार करना चाहिए । डाकिये को स्वस्थ तथा हृष्ट-पुष्ट होना चाहिए तभी वह अपने कर्त्तव्यों का पालन ठीक ढंग से कर सकता है । डाकिया कभी-कभी लापरवाही भी दिखाता है । वह कभी गलत स्थान पर पत्र डाल जाता है जिसमें महत्त्वपूर्ण सूचना होती है जो पत्र प्राप्त करने वाले को नहीं मिल पाता है और संचारहीनता के कारण बड़ी हानि हो जाती है ।
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