Hindi, asked by shaheensaifi235, 7 months ago

इन इन पंक्तियों में गोपियां कहती है कि कृष्ण उनके लिए हारिल की लकड़ी है जिस प्रकार हारिल पक्षी लकड़ी के टुकड़े को अपने जीवन का सहारा मानता है उसी प्रकार श्री कृष्ण ने गोपियों के जीने का आधार हैं गोपियों ने मन कर्म और वचन से नंद बाबा के पुत्र को अपना माना है सोते जागते बस्का ना ही रट लगी रहती है गोपिया उद्धव के संदेश को कड़वी ककड़ी बताती हैं जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता गोपियां उद्धव से कहती हैं कि योग नाम का रोग तो हमने पहलेना कभी सुना ना भोगा है यह तो उनको सिखाओ जिनका मन चंचल है अर्थात मन स्थिर नहीं है हमारा मन तो श्री कृष्ण के प्रेम में दृढ़ और स्थिर है|
1). प्रस्तुत भावार्थ में से आप कितनी क्रियाएं ढूंढ सकते हैं? उन्हें लिखिए|​

Answers

Answered by anitaksharma82
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Answer:

sote, jagte, kehna, batao, sikhao, Chanchal etayadi ye sabhi kriyaey hai

Explanation:

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