इन कृतियों के बीच अपने को कितना भरा-भरा महसूस करता हूँ' − का आशय स्पष्ट कीजिए।
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उत्तर : इस पंक्ति के द्वारा लेखक यह स्पष्ट करना चाहता है कि अनेक विद्वानों द्वारा लिखी पुस्तकें उसे बहुत ताज़गी प्रदान करती थी ।उसकी लाइब्रेरी में रखे इन पुस्तकों को देख कर उसे बड़ा आनंद मिलता था। ये पुस्तक हीं उसकी संचित पूंजी थी ।इन पुस्तकों को देख कर वह बहुत खुश होता था । अनेक लेखकों और चिंतकों की पुस्तकें उसके खालीपन को दूर कर देती थी ।अपने इन पुस्तकों के बीच पहुंचकर वह नयापन अनुभव करता था । वहां उसके जीवन का खालीपन और नीरसता अपने आप दूर हो जाया करती थी। लेखक को अपने द्वारा संचित की पुस्तकों से बहुत अधिक लगाव था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answer:-
: इस पंक्ति के द्वारा लेखक यह स्पष्ट करना चाहता है कि अनेक विद्वानों द्वारा लिखी पुस्तकें उसे बहुत ताज़गी प्रदान करती थी ।उसकी लाइब्रेरी में रखे इन पुस्तकों को देख कर उसे बड़ा आनंद मिलता था। ये पुस्तक हीं उसकी संचित पूंजी थी ।इन पुस्तकों को देख कर वह बहुत खुश होता था । अनेक लेखकों और चिंतकों की पुस्तकें उसके खालीपन को दूर कर देती थी ।अपने इन पुस्तकों के बीच पहुंचकर वह नयापन अनुभव करता था । वहां उसके जीवन का खालीपन और नीरसता अपने आप दूर हो जाया करती थी। लेखक को अपने द्वारा संचित की पुस्तकों से बहुत अधिक लगाव था।
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