। इनके कारण
आज हम बहुत
लोप हो गया है।
ववेक की दृष्टि
मान ही हैं। इस
ही विचित्र है,
ली है।
है।
अर्थ यह है कि
भी बाधा नहीं है।
ल, विद्युत, दूरी,
में हैं।
(v) 'आकाश' शब्द क
3. सावधान, मनुष्य ! यदि विज्ञान है तलवार,
तो इसे दे फेंक, तजकर मोह, स्मृति के पार |
हो चुका है सिद्ध, है तू शिशु अभी अज्ञान;
फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान |
खेल सकता तू नहीं ले हाथ में तलवार,
काट लेगा अंग, तीखी है बड़ी यह धार |
(i) उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ii) कवि ने भौतिकवादी और वैज्ञानिक युग के मानव को क्या
늘
दी है?
अथवा यहाँ मानव को क्या सन्देश दिया गया है?
(iv) कवि ने तलवार किसे बताया है और इसका इस्तेमाल क
मनुष्य को क्यों मना किया है?
अथवा विज्ञान को तलवार क्यों कहा गया है?
(v) 'तलवार' शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
(vi) कवि मनुष्य को सावधान क्यों कर रहा है?
(vii) मनुष्य को 'अज्ञान-शिशु' क्यों कहा गया है?
Bhim किसकी धार बड़ी तीखी है?
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Answer:
Explanation:
। इनके कारण
आज हम बहुत
लोप हो गया है।
ववेक की दृष्टि
मान ही हैं। इस
ही विचित्र है,
ली है।
है।
अर्थ यह है कि
भी बाधा नहीं है।
ल, विद्युत, दूरी,
में हैं।
(v) 'आकाश' शब्द क
3. सावधान, मनुष्य ! यदि विज्ञान है तलवार,
तो इसे दे फेंक, तजकर मोह, स्मृति के पार |
हो चुका है सिद्ध, है तू शिशु अभी अज्ञान;
फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान |
खेल सकता तू नहीं ले हाथ में तलवार,
काट लेगा अंग, तीखी है बड़ी यह धार |
(i) उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ii) कवि ने भौतिकवादी और वैज्ञानिक युग के मानव को क्या
늘
दी है?
अथवा यहाँ मानव को क्या सन्देश दिया गया है?
(iv) कवि ने तलवार किसे बताया है और इसका इस्तेमाल क
मनुष्य को क्यों मना किया है?
अथवा विज्ञान को तलवार क्यों कहा गया है?
(v) 'तलवार' शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
(vi) कवि मनुष्य को सावधान क्यों कर रहा है?
(vii) मनुष्य को 'अज्ञान-शिशु' क्यों कहा गया है?
Bhim किसकी धार बड़ी तीखी है?