इनमें भेद करें:
(क) युक्तियुक्त और अल्पांश विक्रय
(ख) द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार
(ग) प्रशुल्क एवं अप्रशुल्क अवरोधक
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Answer with Explanation:
(क) युक्तियुक्त और अल्पांश विक्रय:
युक्तियुक्त विक्रय :
युक्तियुक्त विक्रय से अभिप्राय है राज्य के अधिकार में आने वाली इकाइयों में कमी करना। जब सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का विक्रय किया जाता है तो उसे युक्तियुक्त विक्रय कहते हैं।
अल्पांश विक्रय :
अल्पांश विक्रय से अभिप्राय सार्वजनिक इकाइयों के अंश को बेचने से है।
(ख) द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार :
द्विपक्षीय व्यापार :
द्विपक्षीय व्यापार दो देशों के मध्य होने वाला व्यापार है। द्विपक्षीय व्यापार से 2 देशों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्यापार करने का सामान अवसर मिलता है।
बहुपक्षीय व्यापार :
बहुपक्षीय व्यापार में सब देशों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में व्यापार करने का सामान मौका मिलता है। विश्व व्यापार संगठन ने बहुपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दिया है।
(ग) प्रशुल्क एवं अप्रशुल्क अवरोध :
प्रशुल्क अवरोध :
आयात पर लगाए जाने वाले कर ताकि घरेलू उद्योग संरक्षित रहे , प्रशुल्क अवरोध कहलाते हैं । इसमें सीमा एवं आयात निर्यात कर शामिल होते हैं।
अप्रशुल्क अवरोध :
अप्रशुल्क अवरोध एक प्रकार का प्रतिबंध ही होता है इसमें लाइसेंस कोटा जैसे उपाय शामिल होते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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