Information about potter in hindi
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मिट्टी से बर्तन व मूर्तियाँ आदि बनाने वाले को कुम्हार कहते हैं.
ये मटके, सुराही, दिए, मिट्टी के गिलास व कटोरियाँ भी बनाते हैं.
भगवान की सुन्दर-सुन्दर मूर्तियाँ भी इनके यहाँ मिलती हैं.
बर्तन बनाने के लिए पहले नदी के किनारे से साफ चिकनी मिट्टी इकट्ठी करके लाते हैं.
फिर उसे छानकर और अच्छी तरह साफ़ करके धुप में सुखाते हैं.
फिर उसे अच्छी तरह गूंथा जाता है और हाथ से या फिर चाक पर गोल-गोल घुमाते हुए बर्तन बनाये जाते हैं.
फिर उन पर रंग-बिरंगी चित्रकारी और बेल-बूटे से डिजाईन बनाते हैं.
यह बहुत ही सावधानी और मेहनत का काम है. ज़रा सी गलती होते ही पूरा सामान ख़राब हो जाता है.
बर्तन बं जाने के बाद इन्हें धुप में सूखने केलिए रखा जाता है.
फिर इन्हें भट्टे में पकाया जाता है, ताकि पानी में भीगने पर ये गलें नहीं.
पकने के बाद कुम्हार इन्हें बाज़ार में बेचते हैं. यही उनकी रोजी-रोटी कमाने का साधन होता है.
Answer:
it is not helpfull to me and my friends wery