Hindi, asked by sharmasid7786, 1 year ago

Is Aapurn kriya and akarmak kriya same?

Answers

Answered by Anonymous
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अपूर्ण क्रिया :- जब क्रिया के होते हुए तथा क्रिया और कर्म के रहते हुए भी अकर्मक और सकर्मक क्रिया स्पष्ट अर्थ न दें वहाँ पर अपूर्ण क्रिया होती है। इनके अर्थों को पूरा करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे पूरक कहते है।

जैसे :- (i) महात्मा गाँधी थे – महात्मा गाँधी राष्ट्रपिता थे। इसमें राष्ट्रपिता लिखने से स्पष्टता आ गई है।
(ii) तुम हो – तुम बुद्धिमान हो।
(iii) मैं अगले वर्ष बन जाउँगा – मैं अगले वर्ष अध्यापक बन जाउँगा।
(iv) जवाहरलाल नेहरु भारत के थे – जवाहरलाल नेहरु भारत के प्रधानमन्त्री थे।

HOPE YOU GET THE ANSWER DEAR..
Answered by ItZzMissKhushi
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Answer:

अपूर्ण क्रिया (Apurn Kriya)–

इनके अर्थ को स्पष्ट करने के लिए इनके साथ कोई संज्ञा या विशेषण पूरक के रूप में लगाना पड़ता है। ऐसी क्रियाओं को अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहते हैं। ... इनके अर्थ को स्पष्ट करने के लिए इनके साथ कोई संज्ञा या विशेषण पूरक के रूप में लगाना पडता है । ऐसी क्रियाओं को अपूर्ण सकर्मक क्रिया कहा जाता है ।

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