is kavita me 4-6 panktiya jodkar kavita ko aage bdahe .Shershak be sochkar likhe. Nanaji o nanaji, kal phir aana nana ji . Badi bhali Lahti kano ko ,phir se katha sunana ji . aapke jaisa koi bun nhi bata, taana - banana, nanaji. PLEASE TELL FAST.....
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नाना जी, ओ ना जी,
कल फिर आना नाना जी!
बड़ी भली लगती कानों को
अजी छड़ी की ठक-ठक-ठक,
और सुहाने किस्से जिनमें
परियाँ, बौनों की बक-झक।
बुन ना पाता कोई ऐसा
ताना-बाना नाना जी!
खूब झकाझक उजली टोपी
लगती कितनी प्यारी है,
ढीला कुर्ता, काली अचकन
मन जिस पर बलिहारी है।
नानी कहती-बचा यही एक
चाव पुराना, नाना जी!
रोती छुटकी खिल-खिल हँसती
जब चुटकुले सुनाते आप,
हँसकर उसे चिढ़ाते आप
खुद ही मगर मनाते आप।
कोई सीखे अजी, आपसे,
बात बनाना, नाना जी!
सांताक्लाज दंग रह जाए
ऐसे हैं उपहार आपके,
सरपट-सरपट बढ़ते जाते
किस्से अपरंपार आपके।
सच बतलाओ, मिला कहीं से,
छिपा खजाना नाना जी!
नाना जी, ओ नाना जी,
कल फिर आना नाना जी!
I hope ye help krega
please mark me as brainlist
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