इस अध्याय में आए प्रत्येक क्षेत्रक को रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद (स.घ.उ.) पर ही क्यों केन्द्रित करना चाहिए? क्या अन्य वाद-पदों का परीक्षण किया जा सकता है? चर्चा करे।
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उत्तर :
प्रत्येक क्षेत्रक को रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद (स.घ.उ.) पर ही केन्द्रित इसलिए करना चाहिए क्योंकि इन्हीं दो बिंदुओं पर विभिन्न क्षेत्रकों के योगदान की समीक्षा हो सकती है।
प्रत्येक क्षेत्रकों में रोजगार व सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर किसी देश की अर्थव्यवस्था को समझने में सहायता मिलती है ।
उदाहरण के लिए अधिकांश विकसित देशों के इतिहास में यह देखा गया है कि विकास की प्रारंभिक अवस्था में प्राथमिक क्षेत्र की आर्थिक सक्रियता का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रक रहा है । कृषि प्रणाली में बदलाव आने से कृषि क्षेत्र काफी समृद्ध हो गया है, जिसके उत्पादन भी कई गुना बढ़ चुका है। अनेक लोग बहुत से अन्य कार्य करने लगे है जो पहले कृषि पर आधारित थे। जैसे कि शिलि्पयों और व्यापारियों की संख्या बढ़ने से क्रय विक्रय की गतिविधियां कई गुना बढ़ गई है। नवीन प्रणाली के प्रचलन से कारखाने अस्तित्व में आए और उनका प्रसार होने लगा। कारखानों में सस्ते दामों में उत्पादित वस्तुओं का लोग प्रयोग करने लगे जिससे द्वितीयक क्षेत्रक में सकल घरेलू उत्पाद तथा रोजगार का महत्व बढ़ गया। विकसित देशों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि द्वितीयक क्षेत्रक से तृतीयक क्षेत्र की ओर पुनः बदलाव हुआ है। इसकी वजह से सकल घरेलू उत्पाद और रोजगार की दृष्टि से यह कहा जा सकता है। सेवा क्षेत्र का महत्व अधिक बढ़ने लगा है । भारत में धीरे धीरे तीनों क्षेत्रों में सकल घरेलू उत्पाद का पैटर्न विकसित देशों के अनुरूप है परंतु रोजगार के पैटर्न में विकसित देशों जैसा बदलाव नहीं हो पाया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।