Hindi, asked by akhand6686, 10 months ago

इस कविता में बादल के लिए ऐ विप्लव के वीर! ऐ जीवन के पारावार! जैसे संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। बादल राग कविता के शेष पांँच खंडों में भी कई संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। जैसे - अरे वर्ष के हर्ष!, मेरे पागल बादल!, ऐ विप्लव के प्लावन!, ऐ अनंत के चंचल शिशु सुकुमार! उपर्युक्त संबोधनों की व्याख्या करें तथा बताएँ कि बादल के लिए इन संबोधनों का क्या औचित्य है ?

Answers

Answered by babundkumar45
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Answer:

व्याख्या तथा औचित्य निम्नलिखित हैं

Explanation:

अरे वर्ष के हर्ष : बादल वर्ष भर के बाद वर्षा ऋतु में आते हैं। अतः हर्ष के कारण होते हैं। यह संबोधन उचित ही है।  

मेरे पागल बादल : कवि का बादल को पागल कहना सही है। बादल पागलपन की हद तक मस्त होते हैं।  

ऐ विप्लव के प्लावन : बादल विप्लव को लाते  हैं। अतः यह संबोधन सटीक है।

 

ऐ अनंत के चंचल शिशु सुकुमार : बादल चंचल शिशु के समान सुकुमार भी होते हैं। अतः यह संबोधन उचित है।

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