Hindi, asked by dipakpotekar22, 3 months ago

इतिहास हमे प्रेरणा देता है इस विषय पर निबंध​

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Answered by jaat8860
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इतिहास मनुष्य का एक सच्चा शिक्षक है जो समाज को भविष्य का उचित पथ बतलाता है। किसी भी जाति या राष्ट्र को सजीव, उन्नतिशील तथा गतिशील बने रहने के लिए इतिहास का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इतिहास हमें मानव प्रकृति के विभिन्न आयामों एवं पक्षों से अवगत कराता है। इसके अध्ययन से हमें सभ्यता के क्रमिक विकास का ज्ञान होता है।

वर्तमान समाज को समझने के लिए आवश्यक है कि इस विकास के उन विभिन्न सोपानों को जान सकें जिनमें से गुजरकर यह समाज वर्तमान स्थिति में आया है। जिस प्रकार चलचित्र में भूतकाल की किसी घटना का सम्पूर्ण चित्र हमारी आँखों के सामने आ जाता है उसी प्रकार इतिहास किसी तत्कालीन समाज के आचार-विचार, धार्मिक जीवन, आर्थिक जीवन, सांस्कृतिक जीवन, राजनैतिक व्यवस्था, शासन पद्धति आदि सभी ज्ञातव्य बातों का एक सुन्दर चित्र हमारी अंतदृष्टि के सामने स्पष्ट रख देता है। इतिहास के अध्ययन द्वारा ही किसी राष्ट्र के उत्थान के साथ-साथ उसके पतन की परिस्थितियों का ज्ञान प्राप्त होता है।

एडमंड बर्क का कथन है कि इतिहास उदाहरणों के साथ-साथ तत्व ज्ञान का शिक्षण है। उन्नति अनुभव पर निर्भर करती है तथा उन्नति के लिए हमें उसके तत्वों का ज्ञान आवश्यक है। उन तत्वों का ज्ञान उनके पूर्व परिणामों पर निर्भर करता है और उनके जानने का एक मात्र साधन इतिहास ही है।

वर्तमान युग की परिस्थितियों को समझने तथा सुधारने के लिए यह आवश्यक है कि हम उस देश या जाति के प्राचीन इतिहास से परिचित हों तथा उसके उत्थान एवं पतन के कारणों तथा परिस्थितियों से अवगत हों।

इतिहास विभिन्न परिस्थितियों में मानव के कार्यों की झांकी है। इस झांकी द्वारा हमें विभिन्न चरित्रों से परिचय का अवसर मिलता है। उनके अभिप्रेरकों के विश्लेषण के लिए पर्याप्त सामग्री मिलती है तथा चरित्र में संयम की भावना का विकास होता है ताकि हम इतिहास के सुंदर चरित्रों की सराहना कर सकें उनसे शिक्षा ले सकें तथा बुरे चरित्रों से दूरी स्थापित कर सकें। जीवन के सही सम्पादन के लिए दोनों प्रकार के चरित्र का ज्ञान आवश्यक है।

इतिहास के अध्ययन को मानव सभ्यता के पार्दुभाव का क्षेत्र माना जाता है। राजस्थान के विभिन्न स्थलों के उत्खननों से प्राप्त हुए अवशेषों ने इस धारणा को और अधिक पुष्ट किया है। मध्यकालीन राजस्थान का भी भारतीय इतिहास में सर्वोपरि स्थान है क्योंकि इस काल में राजस्थान ने इतिहास निर्माण के साथ-साथ भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को सुरक्षित रखने में बड़ा बलिदान किया।

राजस्थान के तत्कालीन गौरवशाली घटनाओं ने यहाँ के कवियों, लेखकों को अपनी लेखनी उठाने के लिए प्रेरित किया। इसी से अनेक ऐतिहासिक कृतियों का निर्माण इस काल में हुआ। इस काल में रचे गए ग्रन्थों से प्रेरणा पाकर राजस्थान के इतिहास लेखन की सुदृ़ढ़ परम्परा ने जन्म लिया जो आज भी राजस्थान देश-विदेश में शोधार्थियों का मुख्य केन्द्र बना हुआ है और राजस्थान इतिहास के विभिन्न पक्षों का गहन अध्ययन हो रहा है किन्तु यहाँ समय-समय पर लिपिबद्ध की गई कृतियों के बारे में उचित ज्ञान का अभाव रहा है। हस्तलिखित ग्रन्थों की लिपि व भाषा सम्बंधी कठिनाईयों से शोधार्थी अपने विषय के सन्दर्भ को खोज निकालने में पूर्ण सफल नहीं हो रहे हैं। निजी संग्रहालयों में बहुमूल्य सामग्री भरी पड़ी है परन्तु सभी संशोधकों के लिए वे सहज उपलब्ध नहीं है। शिलालेख, ताम्रपत्र, ख्यातें, वातें, पट्टे, परवाने, काव्य ग्रन्थों आदि की विपुल उपलब्धता के बावजूद इन सबका सम्पादन व प्रकाशन सहज संभव नहीं है। इन सभी कारणों से राजस्थान के इतिहास को सम्पन्न करने तथा सुरक्षित रखने की बहुत बड़ी जिम्मेवारी हम सभी पर है, परन्तु इस समय राजस्थान के इतिहास लेखन सामग्री को सुरक्षित रखने की चेष्टा का अभाव दिखाई देता है।

तकनीकी और संचार क्रान्ति के युग के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना तथा राजस्थान इतिहास से संबंधित हस्तलिखित ग्रन्थों, शिलालेख, ताम्रपत्र, ख्यातें, वातें, पट्टे, परवाने, काव्य ग्रन्थों, विद्धानों, शोधार्थियों के शोध आलेखों को डिजिटलाइज्ड करना तथा वेबसाइट के माध्यम से सभी के लिए सहज और सुलभ बनाना निश्चय ही आज के समय की आवश्यकता है। इससे इतिहास के शोधार्थियों को राजस्थान के समृद्ध इतिहास, विद्धतापूर्ण शोध आलेख और राजस्थान में हो रहे नवीन शोध का ज्ञान प्राप्त होगा जो सभी के लिए बहुत उपयोगी होगा। मुझे विश्वास है कि शोध की दिशा में श्री मनीष श्रीमाली का यह प्रयोग काफी सफल होगा और शोध जगत में निश्चित रूप से इससे एक नई दिशा मिलेगी। शोध क्षेत्र में नवीन एवं महत्वपूर्ण कदम के लिए इन्हें बहुत-बहुत साधुवाद।

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jaat8860: Thank u
jaat8860: Jaat Here
prachi14242: Are you Punjabi
jaat8860: No
jaat8860: I'm Haryanvi
jaat8860: But I'm currently leaving in Rajasthan and studying in K.P.S. Udaan Vidhyadhar nagar jaipur
jaat8860: okay sis
prachi14242: ok bye
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