Social Sciences, asked by arifarizvi2544, 1 year ago

इटली के एकीकरण के विभिन्न चरणों को लिखिए।

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Answered by shishir303
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इटली के एकीकरण को चार चरणों में विभाजित किया जाता है...

पहला चरण — पहले चरण में इटली के एकीकरण के लिए अनेक संगठनों का निर्माण किया गया और विभिन्न देशों से कई तरह के समझौते और संधियां की गईं।

दूसरा चरण — इस चरण में मध्य राज्यों की जनता ने इटली के एकीकरण के लिए विद्रोह कर दिया था। यह सभी राज्य इटली में सम्मिलित होना चाहते थे, जबकि ऑस्ट्रिया चाहता था कि ज्यूरिख संधि के अंतर्गत इन राज्यों में पुराना शासन स्थापित कर दिया जाए। इंग्लैंड की सहानुभूति इटली के साथ थी, इसलिए मध्य इटली के राज्यों में जनमत संग्रह के प्रश्न पर इंग्लैंड में इटली का पक्ष लिया और मध्य राज्यों में जनमत संग्रह कराया गया। इस तरह इटली के एकीकरण का दूसरा चरण संपन्न हुआ।

तीसरा चरण — नेपल्स और सिसली के शासक अयोग्य थे। मैजिनी, फ्रांसिस क्रिस्ची और गैरीबाल्ड ने इन राज्यों में विद्रोह की योजना बनाई और गैरीबाल्ड ने सिसली पर आक्रमण कर स्वयं को वहां का शासक घोषित कर दिया। बाद में गैरीबाल्ड ने विक्टर इमेन्युअर को इटली के शासक के रूप में स्वीकार कर लिया। इस तरह दक्षिण के राज्य के इटली में मिल जाने के साथ ही इटली का एकीकरण का तीसरा चरण संपन्न हुआ।

चतुर्थ व अंतिम चरण — प्राग संधि के तहत इटली को वेनेशिया दिया गया। जब फ्रांस की सेना इटली से हट गई तो इटली ने रोम पर अपना अधिकार कर लिया और रोम को संयुक्त इटली की राजधानी बनाया गया।

इस तरह इटली पूरी तरह से एकीकृत हो गया।

Answered by seniorji310
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उत्तर:

जर्मनी के एकीकरण में प्रमुख बाधाएँ

जर्मनी की समस्याओं में आस्ट्रिया का हस्तक्षेप।

जर्मनी राज्यों में आर्थिक, पांथिक, सामाजिक तथा राजनैतिक असमानताएँ।

इंग्लैंड भी फ्रांस की भाँति जर्मन राज्यों में रुचि बनाए हुए था। उसने हनोवर प्रांत के बहाने उत्तरी राज्यों में हस्तक्षेप कर रखा था।

अधिकांश राज्यों की शिथिल सैनिक शक्ति।

जन सामान्य में जागृति का अभाव। जर्मन के दक्षिणी राज्यों में पोप का प्रभाव जो जर्मन एकीकरण में बाधक था।

जर्मन एकीकरण में सहायक तत्व

जॉल वरीन-1834 ई० में प्रशा की पहल पर एक शुल्क संघ जॉलवरीन के रूप में स्थापित किया गया जिसमें अधिकांश जर्मन राज्य सम्मिलित हो गए।

बौद्धिक आंदोलन-जर्मनी के एकीकरण में जर्मन दार्शनिक, इतिहासकार, साहित्यकार व कवियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। लिफ्टे, ईगल, डालमेल हार्डेनबर्ग, हेटिंग हाइन प्रमुख दार्शनिकों की भूमिका रही, जिन्होंने जर्मन लोगों में जर्मन जाति सर्वश्रेष्ठ मनुष्य’ होने की भावना भर दी।

औद्योगिक विकास-जॉलवरीन की स्थापना और विस्तार के साथ जर्मनी में व्यापार और उद्योगों के विकास का मार्ग मिला। इस समय प्रशा और रूस दोनों प्रत्येक उद्योग की आधारशिला माने जाते थे। इन संसाधनों से प्रशा में औद्योगीकरण तीव्र गति से हुआ।

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