इटली के एकीकरण को विस्तार से समझाइए।
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इटली के एकीकरण की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में पूरी कई गई थी। इटली के एकीकरण के प्रयास के लिए कार्बोनरी तथा यंग इटली जैसी संस्थाएं भी स्थापित की गईं। यह एक तरह की गुप्तचर संस्थाएं थीं। इटली के एकीकरण में मैजिनी, गैरीबाल्डी आदि का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 19वीं शताब्दी के मध्य तक इटली सात राज्यों में बैठा हुआ था।
इटली का एकीकरण चार चरणों में सम्पन्न हुआ..
पहला चरण — पहले चरण में इटली के एकीकरण के लिए अनेक संगठनों का निर्माण किया गया और विभिन्न देशों से कई तरह के समझौते और संधियां की गईं।
दूसरा चरण — इस चरण में मध्य राज्यों की जनता ने इटली के एकीकरण के लिए विद्रोह कर दिया था। यह सभी राज्य इटली में सम्मिलित होना चाहते थे, जबकि ऑस्ट्रिया चाहता था कि ज्यूरिख संधि के अंतर्गत इन राज्यों में पुराना शासन स्थापित कर दिया जाए। इंग्लैंड की सहानुभूति इटली के साथ थी, इसलिए मध्य इटली के राज्यों में जनमत संग्रह के प्रश्न पर इंग्लैंड में इटली का पक्ष लिया और मध्य राज्यों में जनमत संग्रह कराया गया। इस तरह इटली के एकीकरण का दूसरा चरण संपन्न हुआ।
तीसरा चरण — नेपल्स और सिसली के शासक अयोग्य थे। मैजिनी, फ्रांसिस क्रिस्ची और गैरीबाल्ड ने इन राज्यों में विद्रोह की योजना बनाई और गैरीबाल्ड ने सिसली पर आक्रमण कर स्वयं को वहां का शासक घोषित कर दिया। बाद में गैरीबाल्ड ने विक्टर इमेन्युअर को इटली के शासक के रूप में स्वीकार कर लिया। इस तरह दक्षिण के राज्य के इटली में मिल जाने के साथ ही इटली का एकीकरण का तीसरा चरण संपन्न हुआ।
चतुर्थ व अंतिम चरण — प्राग संधि के तहत इटली को वेनेशिया दिया गया। जब फ्रांस की सेना इटली से हट गई तो इटली ने रोम पर अपना अधिकार कर लिया और रोम को संयुक्त इटली की राजधानी बनाया गया।
इस तरह इटली के एकीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ।
Answer:
Explanation:
Italy akikaran prakriya ka sankshep me varnan