इतने में भेडे सूर को भूलकर तरकारीवाली की टोकरी पर टूट पड़ी वह दालान में बैठी मटर की फलियाँ तोल-मोल कर रसोइए को दे
रहीपी वह अपनी सरकारी का बचाव करने के लिए सीना तान का उठ गई आपने कभी भेड़ों को मारा होगा, तो अच्छी तरह देखा
होगा कि बस, रेला लगता है जैसे कई के तकिए को कूट रहे हों भेड़ को चोट ही नहीं लगती। बिलकुल यह समझकर कि आप उससे
मजाक का रहे है वह आप ही पर चढ़ बैठेगी इधर यह प्रलय मची थी, उधर दूसरे बच्चे भी बहुत लापरवाह नहीं थे। इतनी बड़ी फौज
थी जिसे रात खाना न मिलने की धमकी मिल चुकी थी।
उपरोत्क गघांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए
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sorry this is not my language
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Explanation:
तरकारी वाली दालान मे बैठी मटर की फलियाँ तोल रही थी। इतने मे को भूलकर भेड़ो ने तरकारी खूप पर आक्रमण कर दिया । तरकारी बवाली भेड़ो को कूटती रही मगर, जरा-सी, देर मे भड़ो ने पूरी तरकारी को चट कर दिया, इसलिए तरकारी वाली मातम त्या मना रही थी ।
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