Itne unche utho poem meaning
Answers
कवि द्वारका प्रसाद जी ने अपने जीवन के अभिव्यक्तियों से जो समझा है । उसके आधार पर ही वह युवा पीढ़ी को संदेश देते हैं कि तुम जाति-धर्म, अमीर-गरीब के भेदभाव से बाहर निकल कर एक ऐसे समाज का गठन करो जिसमें सभी समान भाव से रहे। हमें नए समाज निर्माण में अपनी नई सोच को जाति, धर्म, रंग-द्वेष आदि जैसे भेदभावों से ऊपर उठकर सभी को समानता की दृष्टि से देखना चाहिए
जिस प्रकार प्रकृति सभी के लिए समान होती है वैसे ही हमें भी समानता का बीच बोना है।आज समाज में चारों ओर नफरत की बीच है उस आग को ठंडा कर हमें मलय पर्वत के समान ठंडा ,शीतल हवा लाना है। कवि कहते हैं कि नए समाज के निर्माण में हमें आगे बढ़कर अपनी कल्पनाओं को आकार देकर उन्हे वास्तविक जीवन में लाने का प्रयत्न करना चाहिए।
कवि कहते हैं कि यदि हम धरती को स्वर्ग की तरह सुंदर बनाना चाहते हैं तो हमें अपनी कल्पनाओं को मूर्त रूप देते हुए (साकार करते हुए) अच्छाइयों को लेकर आगे बढ़ना चाहियो और हम अपने समाज को सभीबुराइयों से ऊपर उठाकर एक खूबसूरत समाज की रचना कर सकते हैं कवि कहते हैं कि हमें अपनी सोच और भावनाएँ सदैव अच्छी रखनी चाहिए जिससे एक सुंदर समाज की रचना होगी और वह समाज सदैव विकास की ओर बढ़ता रहेगा। जिसप्रकार हम किसी आकर्षण की ओर खिंचे चले जाते है उसी प्रकार अच्छी सोच के साथ हमें खुद को भी आकर्षक बनाना है