Itulsidas ke dohe with meaning in hindi
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1- तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय विवेक। साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसे एक।
तुलसीदास जी कहते हैं कि किसी भी विपदा से यह 7 गुण आपको बचाएंगे- 1:विद्या 2: विनय, 3:विवेक, 4:साहस, 5:आपके भले कर्म, 6: सत्यनिष्ठा और 7:भगवान के प्रति आपका विश्वास।
2-सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु। बिद्यमान रन पाइ रिपु कायर कथहिं प्रतापु।
बहादुर व्यक्ति अपनी वीरता युद्ध के मैदान में शत्रु के सामने युद्ध लड़कर दिखाते हैं और कायर व्यक्ति लड़कर नहीं बल्कि अपनी बातों से ही वीरता दिखाते
हैं।
3-आवत ही हरषै नहीं नैनन नहीं सनेह। तुलसी तहां न जाइये कंचन बरसे मेह।
जिस समूह में शिरकत होने से वहां के लोग आपसे खुश नहीं होते और वहां लोगों की नजरों में आपके लिए प्रेम या स्नेह नहीं है, तो ऐसे स्थान या समूह
में हमें कभी शिरकत नहीं करना चाहिए, भले ही वहां स्वर्ण बरस रहा हो।
4- तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहुं ओर। बसीकरन इक मंत्र है परिहरू बचन कठोर।
तुलसीदास जी कहते हैं कि मधुर वाणी सभी ओर सुख का वातावरण पैदा करती हैं। यह हर किसी को अपनी और सम्मोहित करने का यही एक कारगर मंत्र है इसलिए हमें कटु वाणी त्याग कर मधुरता से बातचीत करना चाहिए।
5- तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए। अनहोनी होनी नही, होनी हो सो होए।
तुलसीदास कहते हैं, भगवान पर भरोसा करें और किसी भी भय के बिना शांति से सोइए। कुछ भी अनावश्यक नहीं होगा, और अगर कुछ अनिष्ट घटना ही
है तो वो घटकर ही रहेगी इसलिए बेकार की चिंता और उलझन को छोड़कर मस्त रहना चाहिए।
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