(iv) एक मौलिक कहानी लिखिए जिसका आधार निम्नलिखित उक्ति हो -"दूर के ढोल सुहावने"पनि
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Answer: आज के आधुनिक विज्ञान ने साबित किया
है कि इस सृष्टि में सब कुछ शून्यता से आता है और
वापस शून्य में ही चला जाता है। इस अस्तित्व का
आधार और संपूर्ण ब्रम्हांड का मौलिक गुण ही एक
विराट शून्यता है। उसमें मौजूद आकाशगंगाएं केवल
छोटी-मोटी गतिविधियां हैं, जो किसी फुहार की तरह
हैं। उसके अलावा सब एक खालीपन है, जिसे शिव
के नाम से जाना जाता है। शिव ही वो गर्भ हैं जिसमें
से सब कुछ जन्म लेता है, और वे ही वो गुमनामी हैं,
जिनमें सब कुछ फिर से समा जाता है। सब कुछ शिव
से आता है, और फिर से शिव में चला जाता है। तो
शिव को ‘अस्तित्वहीन' बताया जाता है, एक
अस्तित्व
की तरह नहीं। उन्हें प्रकाश नहीं, अँधेरे की तरह
बताया जाता है। मानवता हमेशा प्रकाश के गुण गाती
है, क्योंकि उनकी आँखें सिर्फ प्रकाश में काम करती
हैं। वरना, सिर्फ एक चीज़ जो हमेशा है, वो अंधेरा है।
प्रकाश का अस्तित्व सीमित है, क्योंकि प्रकाश का
Explanation:
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Study Well
Answer:
It is a not perfect story ,so make this changes to story something be right.