(ix) P-प्रकार का अर्द्धचालक प्राप्त होता है, निम्नलिखित मिलाने से- (अ) शुद्ध सिलिकॉन में आर्सेनिक (ब) शुद्ध सिलिकॉन में गैलियम (स) शुद्ध जर्मेनियम में एण्टीमनी (द) शुद्ध जर्मेनियम में फास्फोरस।
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ट्रांसिस्टर के निर्माण में P-प्रकार तथा N-प्रकार का जर्मेनियम या सिलिकॉन प्रयोग किया जाता है।ये दोनों प्रकार के पदार्थ शुद्ध जर्मेनियम या सिलिकॉन तत्व में अन्य तत्वों को अशुद्धि के रूप में मिलाकर बनाये जाते है। शुद्ध जर्मेनियम या सिलिकॉन में अन्य तत्व को अशुद्धि के रूप में मिलाने की क्रिया डोपिंग (Doping) कहलाती है।
P- प्रकार का पदार्थ –जब चतुष्संयोजी (Tetravalent) जर्मेनियम या सिलिकॉन में त्रिसंयोजी
P तथा N प्रकार के पदार्थ
P प्रकार के पदार्थ संरचना
(Trivalent) तत्व इंडियम या गैलियम ( Indium or Gallium) को अशुद्धि के रूप में मिला दिया जाता है तो प्रत्येक इंडियम परमाणु में एक इलैक्ट्रोन की कमी पैदा हो जाती है इलैक्ट्रोन की कमी होल्स कहलाती है। होल्स पैदा करने वाली अशुद्धि के परमाणु एक्सैप्टर (Accepter) परमाणु कहलाते है और एक्सैप्टर परमाणुओ की अशुद्धि वाला पदार्थ, P प्रकार का पदार्थ कहलाता है