इयं शिल्पिनां यन्त्रविद्याधराणां
भिषक्शास्त्रिणां भूः प्रबन्धे युतानाम्।
नटानां नटीनां कवीनां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
शब्दार्थ : शिल्पिनाम्-कारीगरों की। यन्त्रविद्याधराणाम्-इंजीनियरों की। भिषक्-डॉक्टरों की। शास्त्रिणाम्-शास्त्रों के ज्ञाताओं की। भूः- धरती। प्रबन्धे युगानाम्-प्रबन्ध कार्य में लगे हुओं की। नटानाम्-अभिनेताओं की। नटीनाम्-अभिनेत्रियों की। कवीनाम्-कवियों की। धरा-धरती। इयम्-यह।
सरलार्थ : यह भारत की भूमि कारीगरों, यन्त्रविद्या को जानने वालों (अभियन्ताओं), वैद्यों (डॉक्टरों), शास्त्रों के ज्ञाताओं, प्रबन्धन (मैनेजमेंट) कार्यों में लगे हुए लोगों, अभिनेताओं, अभिनेत्रियों तथा कवियों की है। अतः भारत की यह सोने जैसी महत्वपूर्ण भूमि धरती पर शोभा पाती है।
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एब्न्फ्लिक्ष्ह्द्डब्व
ज्सुद्ंगोय्व्व्ंव
ब्स्क्ज़िद
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