"जाएँ कहाँ
कहाँ पर खेलें?
घर में फँसे
बोरियत झेलें
ज्यों पिंजरे में
मौन सुआ"
पंक्ति का अर्थ बताएं।
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Explanation:
इन पंक्तियों में बच्चे कह रहे हैं कि वर्षा के कारण हम कहाँ जाएँ और कहाँ खेलें। घर में फँसकर हम बोर हो जाएँगे। यहाँ हमारी स्थिति पिंजरे में बंद तोते की तरह हो गई है। बच्चे सूरज दादा से धूप खिलाने को कह रहे हैं। वे अपने मित्रों से कह रहे हैं कि सब मिलकर दुआ करो कि सड़कों पर से जमा पानी निकल जाए।
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इन पंक्तियों में बच्चे कह रहे हैं कि वर्षा के कारण हम कहाँ जाएँ और कहाँ खेलें। घर में फँसकर हम बोर हो जाएँगे। यहाँ हमारी स्थिति पिंजरे में बंद तोते की तरह हो गई है। बच्चे सूरज दादा से धूप खिलाने को कह रहे हैं। वे अपने मित्रों से कह रहे हैं कि सब मिलकर दुआ करो कि सड़कों पर से जमा पानी निकल जाए।
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